बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो)
संसद के महत्वपूर्ण बजट सत्र से पहले बीजेपी के सहयोगी दलों ने सख्त संदेश भेजते हुए कहा, "हमें हल्के में न लें..." अकाली दल ने कहा है कि बीजेपी के मौजूदा नेतृत्व को हमारे साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, 'जैसा अटल बिहारी वाजपेयी किया करते थे...'
बजट सत्र से पहले सहयोगियों ने बीजेपी से कहा
- बीजेपी प्रमुख अमित शाह ने सोमवार को संसद के भीतर बेहतर तालमेल के लिए सहयोगी दलों के साथ बैठक की थी, जिसमें कई दलों ने समन्वय की कमी की शिकायत की, और कहा, "बीजेपी का व्यवहार बड़े भाई जैसा है..."
- सूत्रों ने बताया है कि बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी शिवसेना ने कहा कि बीजेपी अपने सहयोगियों को महत्व नहीं दे रही है, जबकि चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि बीजेपी को अपनी साझेदारियां मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए।
- पंजाब में सहयोगी अकाली दल ने भी टीडीपी और शिवसेना के सुर में सुर मिलाते हुए एनडीए के भीतर बेहतर समन्वय तथा संचार की मांग की।
- अकाली दल के सुखबीर बादल ने कथित रूप से कहा कि सहयोगियों द्वारा बताई गई समस्याओं को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।
- शाह ने मंगलवार को भी अकाली दल और टीडीपी नेताओं से मिलेंगे और आगामी दिनों में अन्य दलों के साथ इसी तरह की बैठकें करेंगे।
- पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, तथा पार्टी सूत्रों के मुताबिक अकाली दल ने बीजेपी से अपने राज्य इकाई के नेताओं पर काबू रखने के लिए कहा है, जो अकाली दल के मुताबिक कथित रूप से गठबंधन तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
- बीजेपी ने 2014 का लोकसभा चुनाव इनमें से ज़्यादातर के साथ मिलकर लड़ा था, तथा खुद के बूते बहुमत पा लेने के बाद भी एनडीए सरकार का गठन किया था।
- राज्यसभा में इन घटक दलों का महत्व ज़्यादा है, जहां बीजेपी अल्पमत में है, और उसे अपनी हर नीति या विधेयक के लिए मदद की ज़रूरत पड़ती है।
- 23 फरवरी से शुरू होने जा रहे बजट सत्र के दौरान बहुत-से मोर्चों पर विपक्ष के हमलों की आशंका के साथ-साथ सहयोगियों को नाराज़ करना बीजेपी के लिए भारी पड़ सकता है।
- कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के हमलों से निपटने के लिए रणनीति बनाने की खातिर अमित शाह ने एनडीए के घटकों की यह बैठक बुलाई थी।