मिली जानकारी के मुताबिक, शैतान को पत्थर मारने की रस्म अदायगी के दौरान यह हादसा हुआ। और ऐसा पहली बार नहीं है, पहले भी इसी दौरान कई हादसे हुए हैं।
10 महत्वपूर्ण बातें
- मक्का में गुरुवार को भगदड़ मचने से 310 लोगों की मौत और 450 लोग जख्मी हो गए। सऊदी अरब में आज बकरीद मनाई जा रही है। इस मौके पर लाखों लोग यहां इकट्ठा हुए हैं, इनमें 1 लाख से ज्यादा भारतीयों के होने की भी संभावना जताई जा रही है।
- मिली जानकारी के मुताबिक, शैतान को पत्थर मारने की रस्म अदायगी के दौरान यह हादसा हुआ। और ऐसा पहली बार नहीं है, पहले भी इसी दौरान कई हादसे हुए हैं। जानकारों के मुताबिक, अक्सर लोगों द्वरा नियमों का पालन न करने की वजह से ऐसे हादसे होते हैं।
- यह मक्का में 1 महीने में दूसरा बड़ा हादसा है। सितंबर में ही क्रेन गिरने के कारण हुई दुर्घटना में सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। वहां हज से ठीक पहले क्रेन से काम चल रहा था।
- हादसे के बाद यात्रा अब भी जारी है। मक्का में पहले से आपात इंतजाम रहते हैं। मोबाइल अस्पतालों में घायलों को पहुंचाया गया है।
- जानकारों का कहना है कि हज यात्रा के दौरान उसी रास्ते से वापस लौटने की वजह से भी इस तरह के हादसे होते हैं।
- दिसंबर 1975 में एक गैस सिलेंडर ब्लास्ट हुआ था जिसमें करीब 200 हज यात्रियों की मौत हुई थी।
- 1997 को टेंट में आग लगने से करीब 343 हज यात्रियों की मौत हुई थी जबकि हजारों लोग इस दुर्घटना में घायल हो गए थे।
- 2006 में शैतान को पत्थर मारने की रस्म अदायगी के दौरान भगदड़ मची थी, जिसमें करीब 364 लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे।
- 1990 में भी यहां भगदड़ मची थी, जिसमें करीब डेढ़ हजार लोग की मौत हुई थी। 1994 में भी यहां भगदड़ के हादसे में करीब 270 लोगों की मौत हुई थी।1998 में जमारात ब्रिज हादसे में करीब 118 लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे। 2001 में हज के दौरान शैतान को पत्थर मारने की रस्म अदायगी के दौरान 35 लोगों की मौत हो गई थी।
- 2003 में शैतान को पत्थर मारने की रस्मअदायगी के दौरान 14 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। 2004 में भी मीना में भगदड़ मचने से करीब 251 लोगों की मौत हो गई।