बुराड़ी में रविवार को अपने घर में रहस्यमयी तरीके से मृत पाए गए सभी 11 लोगों की मौत की पीछे कोई एक शख्स था. पुलिस ने कहा कि उसी शख्स ने परिवार के सभी सदस्यों को फांसी लगाने के लिए तैयार किया था. इस संबंध में पुलिस ने बताया कि इस बात के सबूत हैं कि परिवार के सभी लोगों को यकीन था कि वो लोग मरेंगे नहीं बल्कि पापा (भगवान दास उन्हें बचा लेंगे. घर से जो डायरी बरामद हुई है उसके आधार पर पुलिस ने बताया कि इन मौतों के पीछे 77 साल की नरायणी देवी का बेटा ललित था. पुलिस ललित को इस मास सुसाइड का मास्टरमाइंड मान रही है. पुलिस का कहना है कि ललित सपने में अपने पिता गोपालदास से बात करता था, जिनकी मौत 12 साल पहले हो चुकी है. पुलिस का कहना है कि ये भी कहा जा रहा है कि पिता से सपने में हुई बातचीत को वो रजिस्टर में लिखता था. इस मामले में पुलिस ने कई खुलासे किए हैं.
- पुलिस का कहना है कि किसी भी शव में किसी भी तरह के चोट के निशान नहीं पाए गए. घर से मिले दो नोटबुक के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि परिवार के कुछ सदस्यों ने फांसी पर लटकने में बाकी लोगों की मदद की.
- घर के लोगों के शव लोहे के जाल से लटके हुए पाए गए थे और वह सभी समीप थे. लगभग सभी लोगों के चेहरे ढके हुए थे. अधिकतर लोगों के गले से पूजा की चुन्नी बंधी हुई है. इन लोगों के कान में रूई लगी हुई थी, मुंह टेप किया हुआ था और हाथ पीछे की और कस के बंधे हुए थे. पुलिस ने संभावना जताई कि परिवार के 10 लोगों ने पांच स्टूल्स को आपस में शेयर किया.
- दिल्ली पुलिस ने इस परिवार के 20 रिश्तेदारों से पूछताछ की है और जांच में मनोचिकित्सक की सहायता ली जा सकती है. पुलिस ने किसी स्वयंभू बाबा की संलिप्तता से इनकार किया है.
- पुलिस ने मामले में किसी स्वयंभू बाबा की संलिप्तता से इनकार किया है और पुलिस इस मामले के ‘‘साझा मनोविकृति’’ के आधार पर भी जांच कर रही है.
- पुलिस को एक और रजिस्टर मिला है जिससे पता चलता है कि ललित 2011 से अपने पिता को सपने में देख रहा था. ललित ने इस रजिस्टर में भी सपने के दौरान कही गई कई बातें लिखीं हैं.
- ललित के किराना स्टोर की भी तलाशी हुई. पुलिस के मुताबिक जांच में पता चला है कि ललित के पिता की मौत 10 साल नहीं बल्कि 12 साल पहले हुई थी.
- ललित ने रजिस्टर में कई पन्नों पर लिखा है लेकिन लास्ट एंट्री में लिखा था कि अंतिम समय में आखिरी इच्छा की पूर्ति के वक्त आसमान हिलेगा, धरती कांपेगी. उस वक्त तुम घबराना मत, मंत्रों का जाप बढ़ा देना और मैं आकर तुम्हें उतार लूंगा, औरों को भी उतारने में मदद करूंगा.
- ललित ने अपने परिवार के सदस्यों से कहा था कि उसे अपने स्वर्गीय पिता से संदेश मिला है. इसका मतलब यह है कि ललित और उसके परिवार के लोगों को विश्वास था कि एक बार वो फांसी के फंदे से लटक जाएंगे तो उनके पिता उनको बचा लेंगे.
- परिवार और रिश्तेदारों से बात करने वाले पुलिस अधिकारी ने बताया कि ललित कई सालों से मौन था. उन्होंने बताया कि वह नोटबुक में सब कुछ लिखता था. इतना ही नहीं जो लोग उसकी दुकान में खरीदारी करने के लिए आते थे उनके साथ वह नोटबुक पर लिखकर बात करता था.
- रजिस्टर के नोट में लिखा है कि सब लोग अपने अपने अपने हाथ खुद बांधेंगे और जब क्रिया हो जाये तब सभी एक दूसरे के हाथ खोलने में मदद करेंगे. इससे ये लगता है कि परिवार के लोगों को मौत का अंदाज़ा नहीं था वो इसे एक खेल या एक अंधविश्वास के डेमो की तरह कर रहे थे. उन्हें लग रहा होगा वो ये क्रिया कर ज़िंदा बच जाएंगे.