मां यमुना के मायके खरसाली में हर्षोल्लास से मनाई गई यमुना जयंती, खुले शनि मंदिर के कपाट

मां यमुना के मायके खरसाली में हर्षोल्लास से मनाई गई यमुना जयंती, खुले शनि मंदिर के कपाट

खरसाली (उत्तराखंड) में यमुना जयंती पर पूजा-अर्चना, फोटो: Tania Saili Bakshi

चैत्र मास की शुक्ल षष्ठी तिथि यानी कल 12 अप्रैल को भारत की परम पावन नदियों में अग्रगण्य मां यमुना के मायके खरसाली में उनकी जयंती काफी हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाई गई।
 
पौराणिक मान्यता है कि पृथ्वी पर यमुनाजी का प्राकट्य चैत्र मास की शुक्ल षष्ठी तिथि को खरसाली में ही हुआ था। वर्तमान में यह स्थान यमुनोत्री से 1 कि.मी. दूर जानकी चट्टी के पास स्थित है।
 
पुरोहित ने की देश की खुशहाली और संपन्नता की कामना
सुबह से ही मां यमुना के मंदिर में पूजा-अर्चना का दौर चलता रहा। तीर्थ पुरोहितों और ग्रामीणों ने मां यमुना की उत्सव यात्रा निकाल कर मां यमुना से देश की खुशहाली और संपन्नता की कामना की।
 
इस जयंती के उपलक्ष्य में मां यमुना के प्रतीक चिन्हों को जलाभिषेक कराया गया। बाद में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ दीपदान भी किया गया।
 
लोकनृत्य करते हुए महिलाएं मां यमुना से लेती हैं आशीर्वाद
यहां के निवासी सुनील थपलियाल का ने बताया, "आज के दिन मां यमुना की मूर्ति को यमुना घाट पर लाया जाता है और ग्रामीण उत्सव की तरह इस जयंती को मनाते हैं और आज से क्षेत्र में गांव-गांव में मेले भी शुरू हो जाते हैं।"
 
उन्होंने बताया कि आज के दिन गांव की महिलाएं सज-धज कर लोकनृत्य करते हुए मां यमुना के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेती हैं। इस जयंती के दिन से शनि मंदिर के कपाट भी खोल दिए जाते हैं।


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