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This Article is From Nov 16, 2016

खजुराहो का मतंगेश्वर मंदिर, क्या यहां ही हुआ था शिव का विवाह? जानिए मिथक और मान्यताएं

खजुराहो का मतंगेश्वर मंदिर, क्या यहां ही हुआ था शिव का विवाह? जानिए मिथक और मान्यताएं
मतंगेश्वर मंदिर में स्थापित विशाल शिवलिंग
खजुराहो न केवल हजारों साल पुराने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां प्रचलित अनेक मिथकों और कहानियों के लिए जाना जाता है. यहां के मंदिर इतने भव्य और विशाल हैं कि इन्हें देखने के बाद हैरानी होती है, इन्हें निर्मित करने में कितनी कठिनाई हुई होगी.

इन मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के राजाओं ने करवाया था. लेकिन यहां बने 85 मंदिरों में से आज करीब 25 मंदिर ही मौजूद हैं.

खजुराहो का मतंगेश्वर मंदिर
कहते हैं कि ये मंदिर केवल आराधना के उद्देश्य से ही नहीं बनवाए गए थे। लेकिन इन मंदिरों में एक मतंगेश्वर मंदिर का निर्माण पूजा-पाठ के मकसद से एक किया गया था. यहां आज भी नियम से पूजा-अर्चना होती है.

यहां शिव की पूजा मतंगेश्वर नाम से की जाती है. यहां के लोगों की मान्यता है कि खजुराहो ही वह स्थान है, जहां भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ संपन्न हुआ था. मतंगेश्वर का एक अर्थ प्रेम का देवता भी होता है.

यहां बना है ढाई मीटर ऊंचा शिवलिंग
इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण है इसके अंदर स्थित करीब ढाई मीटर ऊंचा शिवलिंग, जिसका व्यास एक मीटर से भी ज्यादा है.

यह मंदिर खजुराहो के सभी मंदिरों में सबसे पवित्र माना जाता है. इस मंदिर के स्तंभ और दीवारों पर यहां के बाकी मंदिरों की तरह कामुक मूर्तियां आदि नहीं उकेरी गई हैं.

शिवलिंग से जुड़े मिथक और कथाएं
इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि यह शिवलिंग जितना जमीन से उपर दिखाई देता है, उससे ज्यादा यह जमीन में दबा है.

लोग बताते हैं कि राजा चंद्रदेव को अपने राज्य की सुरक्षा के लिए एक मरकत मणि मिली थी, जो इस शिवलिंग के नीचे दबी हुई है.

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