आज विनायकी चतुर्थी (विनायक चतुर्थी) है. हिन्दू कैलेंडर में प्रत्येक चन्द्र मास में दो चतुर्थी होती है. हिन्दू धर्मग्रन्थों के अनुसार, चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश की तिथि है. विनायकी चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) अमावस्या के चौथे दिन मनाई जाती है. इस माह देश भर में 8 नवंबर 2021, यानि आज (सोमवार) ये शुभ पर्व मनाया जा रहा है. अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायकी या विनायक चतुर्थी कहा जाता है. वहीं पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (Chaturthi Vrat Katha) को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. वैसे तो विनायकी या विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2021) का व्रत हर महीने में होता है, लेकिन सबसे मुख्य विनायक या विनायकी चतुर्थी का व्रत भाद्रपद के महीने में होता है. भगवान गौरी गणेश, जिन्हें विनायक के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवता हैं. विनायक चतुर्थी हिंदुओं के सबसे शुभ त्योहारों (Festivals) में से एक है.
आज है श्री गणेश का जन्मदिन (Birthday Of Lord Ganesha)
बता दें कि भाद्रपद के दौरान पड़ने वाली विनायकी या विनयाक चतुर्थी को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturth) के नाम से भी जाना जाता है. सम्पूर्ण विश्व में गणेश चतुर्थी को भगवान श्री गणेश (Ganesha) के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. यह चतुर्थी भगवान श्री गणेश को समर्पित है. आज के दिन श्री गणेश की पूजा (Ganesh Ji Ki Puja) दोपहर-मध्याह्न में की जाती है. आज के दिन श्री गणेश का पूजन-अर्चन करना लाभदायी माना गया है. भगवान श्री गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, विघ्नहर्ता यानी आपके सभी दु:खों को हरने वाले देवता, इसीलिए गणपति महाराज को प्रसन्न करने के लिए विनायक/विनायकी चतुर्थी और संकष्टी गणेश चतुर्थी (Sankashti Ganesh Chaturthi) का व्रत किया जाता हैं.
विनायकी/विनायक चतुर्थी शुभ समय (Vinayak Chaturthi 2021 Shubh Muhurat)
- कार्तिक, शुक्ल चतुर्थी
- प्रारम्भ- 04:21 पी एम, नवम्बर 07.
- समाप्त- 01:16 पी एम, नवम्बर 08.
विनायकी/विनायक चतुर्थी का पूजन
- ब्रह्म मूहर्त में स्नान करें, लाल रंग के वस्त्र धारण करें.
- दोपहर पूजन के समय अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें.
- संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें.
- तत्पश्चात श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं.
- अब गणेश का प्रिय मंत्र 'ॐ गं गणपतयै नम:' का उच्चारण करते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं.
- अब श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं. इनमें से 5 लड्डु ब्राह्मण को दान दें व 5 लड्डू श्री गणेश के चरणों में रखकर बाकी को प्रसाद स्वरूप बांट दें.
- पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें.
- ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें.
- अगर आप में शक्ति हो तो व्रत करें अथवा शाम के समय खुद भोजन ग्रहण करें.
- शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें.
- संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करके श्री गणेश की आरती करें व 'ॐ गणेशाय नम:' मंत्र की माला जपें.
विनायक चतुर्थी के मंत्र (Mantras Of Vinayaka Chaturthi)
वक्रतुंड गणेश मंत्र
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ:
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा
गणेश शुभ लाभ मंत्र
ऊं श्रीं गं सौभाग्य गणपतये
वरवर्द सर्वजनं में वाष्मण्य नमः
गणेश गायत्री मंत्र
ऊं एकदंते विद्महे,
वक्रतुंड धिमही
तन्नो दंति प्रचोदयात्
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