विज्ञापन

Vikram Samvat 2082: नवरात्रि से होगा हिंदू नववर्ष कालयुक्त संवत्सर का शुभारंभ, जानिए कैसा होगा यह वर्ष

Vikram Samvat 2082: हिंदू नव वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि  शुरू होगा. यह वर्ष विक्रम संवत 2082 है. आइए जानते हैं ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार कैसा होगा यह वर्ष.

Vikram Samvat 2082: नवरात्रि से होगा हिंदू नववर्ष कालयुक्त संवत्सर का शुभारंभ, जानिए कैसा होगा यह वर्ष
ज्योतिष विद्वानों के अनुसार विक्रम संवत 2082 कालयुक्त संवत्सर का नाम सिद्धार्थ होगा.

Vikram Samvat 2082: हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से और समापन चैत्र माह की अमावस्या तिथि को होती है. हिंदू नववर्ष के दिन देश भर में कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं. मान्यता है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था. इसी दिन से चैत्र नवरात्र शुरू होते है. कई राज्यों में नव वर्ष त्योहार मनाने की परंपरा है. इस दिन महाराष्ट्र में  गुढ़ी पड़वा, आंध्र प्रदेश में युगादि, सिंधी समाज में चेट्टी चंड मनाने की परंपरा है. इस वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 30 मार्च रविवार को है और इसी दिन से  हिंदू नववर्ष (Hindu Nav Varsh Kab Shuru Hoga ) शुरू होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार यह वर्ष विक्रम संवत 2082 (Vikram Samvat Kya Hota Hai) है. आइए जानते हैं ज्योतिष विद्वानों के अनुसार विक्रम संवत 2082 कैसा होगा (Kaisa Hoga Vikram Samvat 2082).

Shani Amavasya 2025: शनिवार के दिन पड़ रही है चैत्र अमावस्या, जानिए इस दिन किन चीजों का दान करना होता है शुभ

क्या होता है विक्रम संवत (History and Significance Vikram Samvat)

इतिहासकारों की मानें तो विक्रम संवत शुरुआत राजा विक्रमादित्य ने की थी. हिंदू पंचांग विक्रम संवत के आधार पर चलता है. हिंदू नव वर्ष इसा आधारित अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे है. विक्रम संवत में वर्ष की शुरुआत का चैत्र माह से होती है.

Latest and Breaking News on NDTV

कैसा होगा विक्रम संवत 2082 (How will be Vikram Samvat 2082)

ज्योतिष विद्वानों के अनुसार विक्रम संवत 2082 कालयुक्त संवत्सर का नाम सिद्धार्थ होगा और इसका वाहन घोड़ा रहेगा. इस संवत्सर में राजा और मंत्री के पद ग्रहों के राजा सूर्य के पास रहेगा. इससे इस वर्ष रिकार्ड तोड़ गर्मी पड़ेगी. प्रतिपदा के तिथि के दिन जो वार होता है उसके आधार पर वर्ष के अनुसार संवत्सर के मंत्री पद निर्धारित होता है.  हालांकि नव संवत्सर उत्तम और अच्छा फल देने वाला साबित होगा. इस वर्ष की स्थिति संतोषजनक होगी, लेकिन इस वर्ष गर्मी भी खूब पड़ेगी, आगजनी की घटनाएं हो सकती हैं, क्योंकि सूर्य राजा और मंत्री दोनों पदों पर होगा. प्राकृतिक आपदाओं के बीच फसलें अच्छी रहेंगी.

संतों पर प्रभाव

नव संवत्सर ज्ञानियों व वैराज्ञियों के लिए अच्छा रहेगा. लोगों की धर्म-आध्यात्म में रूचि बढ़ेगी. बुध के प्रभाव से वर्षा की स्थिति संतोषजनक रहेगी.

फसल पर प्रभाव

चौमासी फसलों का स्वामी बुध के होने से गेंहू, धान, गन्ना आदि अच्छी फसल होगी. शीतकालीन फसलों के स्वामी चंद्रमा के होने से मूंग, बाजरा, सरसों जैसी फसलों की उपज अच्छी रहेगी.

किस क्षेत्र में उन्नति

इस संवत्सर का निवास वैश्य के घर होने से व्यापार में प्रगति होगी. अन्न, भूमि, भवन, शिक्षा, सोना, वाहन, तकनीक के क्षेत्रों में तेजी रहेगी.

विक्रम संवत की विशेषताएं (Features of Vikram Samvat)

चंद्र-सौर पंचांग
  • हिंदू पंचांग विक्रम संवत की गणना चंद्रमा और सूर्य की गति के आधार पर होती है, जिससे इसकी सटीकता सुनिश्चित होती है.
  • हिंदू पंचांग में बारह मास होते हैं. इसमें चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन महीने शामिल हैं.
  • हिंदू पंचांग संवत्सर चक्र होता है. संवत्सर चक्र  60 वर्षों के चक्र में संचालित होता है और इसमें हर वर्ष का एक विशिष्ट नाम और प्रभाव होता है.
  • हिंदू पंचांग में त्योहारों की गणना विक्रम संवत के अनुसार की जाती है. सभी हिंदू त्योहार जैसे नवरात्रि, रामनवमी, दीपावली, रक्षाबंधन, होली की तिथि का निधार्रण विक्रम संवत के अनुसार की जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com