आंशिक सूर्य ग्रहण
नई दिल्ली:
इस साल का आखिरी और तीसरा सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) 11 अगस्त को दिखाई देगा. हालांकि इस बार यह आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) होगा, जो कि तीन घंटे का होगा. खास बात यह है कि इस बार यह आंशिक सूर्य ग्रहण पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में दिखाई देगा. यानी कि भारत के लोग इस सूर्य ग्रहण का दीदार नहीं कर पाएंगे. यहां पर हम आपको इस बार के सूर्य ग्रहण के बारे में कुछ बातें बता रहे हैं:
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क्या होता है आंशिक सूर्य ग्रहण?
पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ अपने सौरमंडल के सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है. दूसरी ओर, चंद्रमा दरअसल पृथ्वी का उपग्रह है और उसके चक्कर लगता है, इसलिए, जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तब पृथ्वी पर सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है. इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. सूर्य ग्रहण आंशिक और पूर्ण दोनों तरह का हो सकता है. आंशिक सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के कुछ ही हिस्से को ढकता है और जब इस नजारे को पृथ्वी से देखा जाए तो सूर्य एक डिस्क की तरह दिखाई देता है.
सूर्य ग्रहण का समय
इस बार का सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजे खत्म होगा. ग्रहणकाल का सूतक लगभग 12 घंटे पहले लगेगा. हालांकि अंतरराष्ट्रीय समय के अनुसार आंशिक सूर्य ग्रहण 8 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगा.
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कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
इस बार आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो कि पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध यानी कि उत्तरी यूरोप से लेकर पूर्वी एशिया और रूस में दिखाई देगा. भारत में साल के इस अंतिम सूर्य ग्रहण के दीदार नहीं होंगे. नासा के मुताबिक, इन इलाकों में रहने वाले लोग 65 फीसदी आंशिक सूर्य ग्रहण का दीदार कर पाएंगे.
क्या आंशिक सूर्य ग्रहण को देखना सुरक्षित है?
सूर्य ग्रहण चाहे कैसा भी हो आंशिक या पूर्ण उसे खुली या नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. हालांकि सूर्य ग्रहण को देखने के लिए बाजार में कई तरह के चश्मे उपलब्ध हैं. इन चश्मों का इस्तेमाल कर आप अपनी आंखों को नुकसान पहुंचाए बिना इस खगोलीय घटना के साक्षी बन सकते हैं. सूर्य ग्रहण दूरबीन या पिनहोल कैमरे की मदद से भी देखा जा सकता है.
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सूर्य ग्रहण की मान्यताएं
1. सूर्य ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ और मूर्ति पूजा नहीं करनी चाहिए.
2. मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी और शामी के पौधे को नहीं छूना चाहिए.
3. ग्रहण काल के दौरान खाना खाने और पकाने की मनाही होती है.
4. मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए.
5. ग्रहण के वक्त मंत्रों का उच्चारण करने का चलन है.
6. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल खत्म होने के बाद पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए.
7. अगर घर पर ही हैं तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए.
8. ग्रहण काल के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देने का विधान है.
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क्या होता है आंशिक सूर्य ग्रहण?
पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ अपने सौरमंडल के सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है. दूसरी ओर, चंद्रमा दरअसल पृथ्वी का उपग्रह है और उसके चक्कर लगता है, इसलिए, जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तब पृथ्वी पर सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है. इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. सूर्य ग्रहण आंशिक और पूर्ण दोनों तरह का हो सकता है. आंशिक सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के कुछ ही हिस्से को ढकता है और जब इस नजारे को पृथ्वी से देखा जाए तो सूर्य एक डिस्क की तरह दिखाई देता है.
सूर्य ग्रहण का समय
इस बार का सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजे खत्म होगा. ग्रहणकाल का सूतक लगभग 12 घंटे पहले लगेगा. हालांकि अंतरराष्ट्रीय समय के अनुसार आंशिक सूर्य ग्रहण 8 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगा.
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कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
इस बार आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो कि पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध यानी कि उत्तरी यूरोप से लेकर पूर्वी एशिया और रूस में दिखाई देगा. भारत में साल के इस अंतिम सूर्य ग्रहण के दीदार नहीं होंगे. नासा के मुताबिक, इन इलाकों में रहने वाले लोग 65 फीसदी आंशिक सूर्य ग्रहण का दीदार कर पाएंगे.
क्या आंशिक सूर्य ग्रहण को देखना सुरक्षित है?
सूर्य ग्रहण चाहे कैसा भी हो आंशिक या पूर्ण उसे खुली या नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. हालांकि सूर्य ग्रहण को देखने के लिए बाजार में कई तरह के चश्मे उपलब्ध हैं. इन चश्मों का इस्तेमाल कर आप अपनी आंखों को नुकसान पहुंचाए बिना इस खगोलीय घटना के साक्षी बन सकते हैं. सूर्य ग्रहण दूरबीन या पिनहोल कैमरे की मदद से भी देखा जा सकता है.
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सूर्य ग्रहण की मान्यताएं
1. सूर्य ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ और मूर्ति पूजा नहीं करनी चाहिए.
2. मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी और शामी के पौधे को नहीं छूना चाहिए.
3. ग्रहण काल के दौरान खाना खाने और पकाने की मनाही होती है.
4. मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए.
5. ग्रहण के वक्त मंत्रों का उच्चारण करने का चलन है.
6. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल खत्म होने के बाद पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए.
7. अगर घर पर ही हैं तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए.
8. ग्रहण काल के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देने का विधान है.
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