Surya Grahan 2019 (सूर्य ग्रहण 2019): नए साल की शुरुआत होने के बाद यह पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2019) होगा. हालांकि 6 जनवरी, 2019 को पड़ने वाला पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2019) भारत में नहीं दिखेगा. हालांकि ये आशिंक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse 2019) होगा. 21 जनवरी को चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) भी है. आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) का समय सुबह पांच बजे स 9 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. इस साल दो अन्य सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2019) भी पड़ेंगे. यह सूर्य ग्रहण भारत (Surya Grahan in India) के सिवाय चीन, मंगोलिया, जापान, रूस और अलास्का के कुछ हिस्सों में दिखेगा. फिलहाल सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) को लेकर हॉलीवुड और बॉलीवुड में कई फिल्में बन चुकी हैं. दुनियाभर में हुए खगोली घटनाओं पर वास्तविक व काल्पनिक कहानी के आधार को लेते हुए सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) और चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) पर कई फिल्में बनाई गई है. ग्रहण से पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जानकारी फिल्मों में दिखलाया गया है. हालांकि ज्यादातर फिल्में काल्पनिक और कथित कहानियों पर आधारित होते हैं.
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सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2019) पर फिल्में
साल 1981 में आई हॉलीवुड फिल्म 'ब्लडी बर्थडे' (Bloody Birthday) ग्रहण पर ही ड्रामा फिल्म बनाई गई थी. इस फिल्म दिखलाया गया था कि साल 1970 के दौरान पड़े ग्रहण (Eclipse) के दौरान पैदा होने तीन बच्चे किलर बन जाते हैं. ग्रहण के 10 साल बाद जब बच्चे भी 10 साल के हो जाते हैं तो उन्हें जो लोग पसंद नहीं आते वह उन सबको मारना शुरू कर देते हैं. लोगों को मारते वक्त तीनों बच्चों को कोई भी नहीं रोक पाता. 85 मिनट की इस फिल्म में ग्रहण (Eclipse) की वजह से बच्चों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में दिखलाया गया है.
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1995 में आई फिल्म "डोलोरेस क्लेबोर्न" (Dolores Claiborne) में सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2019) पर फिल्में की वजह से समय परिवर्तन का दृश्य दिखलाया गया है. एक महिला को मारने के लिए भाग रहा एक शख्स अचानक एक गहरे गड्ढे में फंस जाता है और जैसे ही सूर्य ग्रहण लगता है तो उस शख्स की गिरकर मौत हो जाती है.
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एक और फिल्म के बारे में बात करें तो साल 1985 में आई 'लेडीहॉक' फिल्म में सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) के दौरान एक दंपती को हमेशा एक साथ रहने का शाप मिलता है और इस शाप के दौरान पुरुष एवरेन ऑफ नेवरे भेड़िया के रूप में बदल जाता है, जबकि महिला इसाबे डी'अंजौ एक हॉक का भेष धारण कर लेती है. इस दौरान कुछ ऐसी घटनाएं होती है, जिसकी वजह से फिल्म काफी इंटरेस्टिंग हो जाती है. इन सभी फिल्मों को सूर्य ग्रहण से जोड़ा गया है.
इतना ही नहीं, साल 1975 में बॉलीवुड की जानी मानी अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की फिल्म 'चुपके-चुपके' को दूरर्शन पर दिखाने की कहानी काफी इंटरेस्टिंग हैं. यह भी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2019) पर आधारित फिल्म है. मशहूर फिल्म डायरेक्टर हृषिकेश मुखर्जी की ‘चुपके-चुपके' जबरदस्त कॉमेडी है, जिसमें धर्मेंद्र अपने जीजा ओम प्रकाश को सबक सिखाने के लिए ऐसी कहानी गढ़ते हैं कि हंसी-ठहाके लगते हैं. लेकिन 1980 के दशक में इस फिल्म का इस्तेमाल सरकार ने जनता को सूर्य ग्रहण के प्रकोप से बचाने के लिए किया था. सुनने में कुछ अजीब लग सकता है लेकिन यह हकीकत है.
देखें ये फिल्म-
बात 16 फरवरी, 1980 की है. सूर्य ग्रहण का दिन था. सरकार नहीं चाहती थी कि जनता बिना किसी सुरक्षा उपाय के सूर्य ग्रहण को देखे. इससे उनकी आंखों को नुक्सान पहुंचने की आशंका थी. सरकार ने जनता को घर में ही रोके रखने का उपाय किया. सरकार ने हथियार बनाया सिनेमा को और इस्तेमाल किया एक कॉमेडी फिल्म को. माध्यम था दूरदर्शन. ऐसे में लोगों को रोकने के लिए यह सबसे बढ़िया हथियार बना और सरकार ने इसका बखूबी इस्तेमाल भी किया.
दूरदर्शन पर इस दिन धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन की इस हिट कॉमेडी को सूर्य ग्रहण के मौके पर टेलीकास्ट किया गया. यह मनोरंजन की ही ताकत थी, जिसकी वजह से सरकार को जनता को घर में रोकने के लिए फिल्म का ख्याल आया. वैसे भी हृषिकेश मुखर्जी की फिल्में जिंदगी के इतने करीब होती थीं कि हर किसी को आसानी से खुद से जोड़ लेती थीं.
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