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सुबह आंख खोलते ही इस शक्तिशाली मंत्र का करें जाप, ब्रह्मा, विष्णु और महेश का मिलेगा आशीर्वाद, पूरा दिन बितता है Positive

आप सुबह में यहां बताए जा रहे मंत्र का जाप करना शुरू कर देते हैं तो आपको कुछ दिन में खुद में अंतर महसूस होना शुरू हो जाएगा...

सुबह आंख खोलते ही इस शक्तिशाली मंत्र का करें जाप, ब्रह्मा, विष्णु और महेश का मिलेगा आशीर्वाद, पूरा दिन बितता है Positive
ब्रह्मा, विष्णु, महेष, चंद्र, सूर्य, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु सभी मेरे दिन को अच्छा बनाएं. 

Subah kis mantra ka jap karen : हिन्दू धर्म में मंत्र जाप करने का विशेष महत्व और लाभ है, खासकर सुबह के समय. धर्मशास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त में पूजा-पाठ करना ज्यादा लाभकारी होता है क्योंकि इस समय वातावरण शांत और शुद्ध रहता है. यही कारण है घर के बड़े बच्चों को सूर्योदय से पहले उठकर भगवान को याद करके दिनचर्या शुरू करने की सलाह देते हैं. ताकि उनका पूरा दिन अच्छा जाए और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हो. आप सुबह में यहां बताए जा रहे मंत्र का जाप करना शुरू कर देते हैं तो आपको कुछ दिन में खुद में अंतर महसूस होना शुरू हो जाएगा...

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सुबह किस मंत्र का करें जाप - Which mantra should be chanted in the morning

ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु शशि भूमि सुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।

इस मंत्र का अर्थ है - ब्रह्मा, विष्णु, महेष, चंद्र, सूर्य, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु सभी मेरे दिन को अच्छा बनाएं. 

आप इस मंत्र का 108 बार जप सकते हैं. इस मंत्र को आप शांत मन से जपते हैं तो यह आपको सुख-समृद्धि देने वाला होगा. यह मंत्र आपके 9 ग्रहों को शांत करता है और देवी देवताओं को प्रसन्न करता है. 

इसके अलावा आप सुबह में इस मंत्र को भी बोल सकते हैं, जिसे आप बोल सकते हैं.

कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती ।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥

इस मंत्र का अर्थ-  हथेली के शीर्ष पर देवी लक्ष्मी का निवास है और हथेली के मध्य में देवी सरस्वती का निवास है हथेली के नीचे श्री गोविंद का निवास है इसलिए सुबह-सुबह अपनी हथेलियों को देखना चाहिए और उनका चिंतन करना चाहिए. इस मंत्र को आप अपनी हथेली को देखते हुए बोलें.

इसके अलावा आप सुबह धरती पर पैर रखने से पहले इस मंत्र का जाप करें - समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डिते ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे।।

अर्थ - हे भगवान विष्णु की पत्नी , आपको नमस्कार है ; कृपया मेरे चरणों के स्पर्श को क्षमा करें. 

अब से इन मंत्रों का जाप करके अपने दिन को सकारात्मक और मूल्यवान बना सकते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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