हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है. इसे माघी अमावस्या (Maghi Amavasya 2022) और मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2022) के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक रूप से अमावस्या के दिन स्नान-दान का बड़ा ही महत्व है. हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि साख तौर पर सोमवार, मंगलवार और शनिवार की अमावस्या का काफी महत्व बताया गया है. सनातन परंपरा में सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है.
अबकी बार माघ मास में सोमवती और भौमवती अमावस्या का अनोखा संयोग बना है. विवाहित स्त्रियों द्वारा पतियों की दीर्घायु कामना के लिए इस व्रत का विधान है. यह अमावस्या स्नान, दान के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. आइए जानते हैं इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने की विधि.
सोमवती अमावस्या का महत्व
सोमवती अमावस्याव के दिन स्नान-दान करने का विशेष महत्व होता है. अगर पवित्र सरोवरों में स्नान करना संभंव नहीं हो तो नहाने के पानी में ही कुछ बूंदें गंगा जल की मिला लें. इस दिन महिलाएं संतान और जीवनसाथी की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं पीपल का विधि-विधान सें पूजन करती हैं. मान्यता है कि पीपल के वृक्ष के मूल भाग में भगवान श्री हरि विष्णु, अग्रभाग में ब्रह्मा और तने में भगवान शिव का वास होता है, इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का महत्व है. कहते हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव का अभिषेक पूरे नियम से करने से वह प्रसन्न होकर सौभाग्य का वरदान देते हैं.
ऐसे करें भगवान शिव का अभिषेक
सोमवती अमावस्या के दिन प्रातः पैरों के नीचे आक के पत्ते सिर और माथे पर रखकर भगवान शिव का ध्यान करते हुए स्नान करें.
अब शिवालय जाकर जल में दूध मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें.
शिवजी को बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें.
अगर शिवालय जा पाना संभव न हो तो घर पर ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर अभिषेक करें.
जो लोग घर में पारद शिवलिंग स्थापित करना चाहते हैं, वह इस शुभ संयोग का लाभ उठा सकते हैं.
घर पर पारद शिवलिंग की पूजा करना भी उत्तम रहेगा.
सोमवती अमावस्या पर दान पुण्य करना उत्तम
सोमवती अमावस्या के दिन अन्न का दान करें. आप अपनी श्रद्धा अनुसार चावल, दाल, नमक, तिल का दान कर सकते हैं.
पितृ तर्पण के लिए सोमवती अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है, इसलिए दोपहर के समय पितरों की शांति के लिए पूजा करें.
पीपल की परिक्रमा देती है फल
माना जाता है कि सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ को भंवरी दी जाती है. कहते हैं ऐसा करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है. मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन खूब दान करना चाहिए. इसके साथ ही सूत से 108 पीपल की परिक्रमा लगानी चाहिए. सोमवती अमावस्या के दिन पीपल का विधि-विधान से पूजन किया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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