
Solar Eclipse 2025 Surya Grahan Kab Hai: ज्योतिष शास्त्र में जिस सूर्य ग्रहण को एक अशुभ घटना माना गया है आज 21 सितंबर 2025 की रात को एक बार फिर लगने जा रहा है. खास बात ये कि इस साल पितृपक्ष की शुरुआत जहां चंद्र ग्रहण से हुई थी वहीं इसकी समाप्ति सूर्य ग्रहण से होने जा रही है. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज कितने बजे लगेगा? क्या यह भारत में दिखाई देगा और क्या यहां पर इसका सूतक मान्य होगा? सूर्य ग्रहण का देश दुनिया के साथ आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इसे विस्तार से बता रही हैं जानी-मानी ज्योतिषाचार्या एवं वास्तुविद डॉ. नीती शर्मा.
सूर्यग्रहण कैसे लगता है? (How does a solar eclipse occur?)
जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य की किरणें पृथ्वी तक पूरी तरह या आंशिक रूप से नहीं पहुँच पातीं, तब सूर्यग्रहण होता है. वैदिक दृष्टि से यह घटना राहु–केतु की छाया मानी जाती है, जो सूर्य (आत्मा, नेतृत्व, सत्ता) पर असर डालकर मानव जीवन और विश्व घटनाओं में परिवर्तन का कारण बनती है.

21 सितम्बर 2025 को कितने बजे लगेगा सूर्यग्रहण (Surya Grahan Timing)
आंशिक ग्रहण आरंभ : सायं 5:29 UTC → भारत में रात 10:59 बजे
ग्रहण का चरम बिंदु : 7:41 UTC → भारत में रात 1:11 बजे (22 सितम्बर)
ग्रहण का अंत : 9:53 UTC → भारत में सुबह 3:23 बजे (22 सितम्बर)
नोट: यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन विश्व की सामूहिक ऊर्जा पर इसका प्रभाव अवश्य पड़ेगा.
सूर्य ग्रहण का विश्व और भारत पर प्रभाव (Solar Eclipse impact on India and World)
- दक्षिणी प्रशांत क्षेत्र, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में मौसमीय अस्थिरता, समुद्र में उथल-पुथल, और राजनीतिक घटनाओं की संभावनाएँ.
- वैश्विक शेयर बाज़ार और व्यापार जगत में उतार–चढ़ाव बढ़ सकता है.
- भारत पर इस सूर्य ग्रहण का प्रत्यक्ष प्रभाव कम रहेगा, परन्तु अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक विरोधाभास, सत्ता–विपक्ष में खींचतान, तथा आर्थिक क्षेत्र में असंतुलन की स्थिति बन सकती है.
- प्राकृतिक दृष्टि से भारत अपेक्षाकृत सुरक्षित रहेगा, परंतु मानसूनी मौसम में अचानक बदलाव संभव है.

सूर्य ग्रहण का 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय (Solar Eclipse impact on 12 Zodiac Sign)
1.मेष – मानसिक तनाव, जल्दबाजी से हानि.
उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ, गुड़–चना दान.
2. वृषभ – धन हानि और अनावश्यक खर्च.
उपाय: माँ लक्ष्मी की पूजा, सफेद वस्त्र या चावल दान.
3. मिथुन – दाम्पत्य जीवन में असहमति.
उपाय: तुलसी पर जल चढ़ाएँ, शुक्ल मंत्र का जाप करें.
4. कर्क – स्वास्थ्य संबंधी बाधाएँ.
उपाय: दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएँ.
5. सिंह – संतान और शिक्षा में रुकावट.
उपाय: सूर्य को अर्घ्य, गेहूँ दान करें.
6. कन्या – परिवार में असंतुलन.
उपाय: दुर्गा सप्तशती पाठ, हरे मूँग दान.
7. तुला – यात्रा में व्यवधान, वाणी में कटुता.
उपाय: माँ सरस्वती की पूजा, मीठा भोजन बाँटें.
8. वृश्चिक – आर्थिक दबाव, निवेश में सावधानी.
उपाय: रुद्राभिषेक करें, काले तिल दान करें.
9. धनु – आत्मविश्वास घटेगा, काम अटकेंगे.
उपाय: विष्णु सहस्रनाम पाठ, पीली वस्तुएँ दान.
10. मकर – संपत्ति विवाद की संभावना.
उपाय: शनि मंत्र जप, उड़द दान.
11. कुंभ – मित्रों से मतभेद, मानसिक बेचैनी.
उपाय: राहु–केतु शांति हेतु नारियल प्रवाहित करें.
12. मीन – खर्च अधिक, धन की कमी.
उपाय: शिवजी को जल में चावल डालकर अर्पित करें.

जहां सूर्य ग्रहण दृश्यमान रहेगा वहां क्या करें और क्या न करें
- ग्रहण के दौरान भोजन–जल का सेवन न करें.
- केवल जप, ध्यान और मंत्रोच्चारण करें.
- गर्भवती महिलाएँ विशेष सावधानी रखें.
- ग्रहण पश्चात स्नान, शुद्धिकरण और दान-पुण्य करना आवश्यक है.
- सूर्य मंत्र: “ॐ घृणि: सूर्याय नमः” का जाप अत्यंत फलदायी होगा.
निष्कर्ष : 21 सितम्बर का यह सूर्यग्रहण भारत में दृश्य न होते हुए भी विश्व के ऊर्जा प्रवाह और राजनीतिक–आर्थिक परिस्थितियों को प्रभावित करेगा. राशियों के अनुसार यदि प्रत्येक व्यक्ति छोटे–छोटे उपाय कर ले, तो जीवन में संभावित नकारात्मकता कम होकर सकारात्मकता बढ़ेगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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