फाइल फोटो
उज्जैन:
मध्य प्रदेश के उज्जैन में चल रहे धार्मिक समागम सिंहस्थ कुंभ के दूसरे शाही स्नान को लेकर प्रशासन फूंक-फूंककर कदम बढ़ रहा है। वह अखाड़ों के साधु-संतों को किसी भी सूरत में नाराज नहीं करना चाहता।
यही कारण है कि नौ मई को होने वाले शाही स्नान के लिए प्रशासनिक अमला साधु-संतों को विधिवत हाथ जोड़कर आमंत्रण दे रहा है। सिंहस्थ कुंभ के नौ मई के दूसरे शाही स्नान के लिए अखाड़ों को सादर आमंत्रित किया जा रहा है।
आमंत्रण के लिए 18 दल गठित...
मंगलनाथ जोन के सिद्धवट सेक्टर में इस काम के लिए 18 दल गठित किए गए हैं। प्रत्येक दल में पांच अधिकारियों को शामिल किया गया है।
सेक्टर मजिस्ट्रेट एस.आर. सोलंकी ने गुरुवार को बताया कि सिंहस्थ की शोभा अखाड़ों से हैं। साधु-संत हमारे मेहमान के साथ-साथ पूजनीय भी हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए शाही स्नान के लिए उन्हें आमंत्रित किया जा रहा है।
पहले शाही स्नान के बाद से साधु समाज है खफा...
उन्होंने बताया कि सिद्धवट सेक्टर के सभी अखाड़ों को आमंत्रण देने के लिए 18 दल गठित किए गए हैं। यह दल अखाड़ों में पहुंचकर साधु-संतों को शाही स्नान के लिए हाथ जोड़कर सादर आमंत्रित कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि सिंहस्थ कुंभ की शुरुआत में 22 अप्रैल को हुए पहले शाही स्नान में हुई अव्यवस्थाओं पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने नाराजगी जताई थी। इतना ही नहीं, शाही स्नान से पहले कई अफसरों ने ही स्नान कर लिया था।
यही कारण है कि नौ मई को होने वाले शाही स्नान के लिए प्रशासनिक अमला साधु-संतों को विधिवत हाथ जोड़कर आमंत्रण दे रहा है। सिंहस्थ कुंभ के नौ मई के दूसरे शाही स्नान के लिए अखाड़ों को सादर आमंत्रित किया जा रहा है।
आमंत्रण के लिए 18 दल गठित...
मंगलनाथ जोन के सिद्धवट सेक्टर में इस काम के लिए 18 दल गठित किए गए हैं। प्रत्येक दल में पांच अधिकारियों को शामिल किया गया है।
सेक्टर मजिस्ट्रेट एस.आर. सोलंकी ने गुरुवार को बताया कि सिंहस्थ की शोभा अखाड़ों से हैं। साधु-संत हमारे मेहमान के साथ-साथ पूजनीय भी हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए शाही स्नान के लिए उन्हें आमंत्रित किया जा रहा है।
पहले शाही स्नान के बाद से साधु समाज है खफा...
उन्होंने बताया कि सिद्धवट सेक्टर के सभी अखाड़ों को आमंत्रण देने के लिए 18 दल गठित किए गए हैं। यह दल अखाड़ों में पहुंचकर साधु-संतों को शाही स्नान के लिए हाथ जोड़कर सादर आमंत्रित कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि सिंहस्थ कुंभ की शुरुआत में 22 अप्रैल को हुए पहले शाही स्नान में हुई अव्यवस्थाओं पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने नाराजगी जताई थी। इतना ही नहीं, शाही स्नान से पहले कई अफसरों ने ही स्नान कर लिया था।
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