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This Article is From Oct 20, 2021

Sharad Purnima 2021: जानिये शरद पूर्णिमा के दिन क्‍यों बनाई जाती है खीर, रात पूजा के लिए ये है शुभ मुहूर्त

Sharad Purnima: शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और उन्हें पान अर्पित किया जाता है. इस पान को प्रसाद के तौर पर घर में बांटा जाता है. मान्‍यता है कि इस दिन आकाश से अमृत वर्षा होती है और मां लक्ष्‍मी की कृपा प्राप्‍त होती है. मान्‍यताओं के आधार पर ऐसी परंपरा बनाई गई है कि रात को चंद्रमा की चांदनी में खीर रखने से उसमें अमृत समा जाता है.

Sharad Purnima 2021: जानिये शरद पूर्णिमा के दिन क्‍यों बनाई जाती है खीर, रात पूजा के लिए ये है शुभ मुहूर्त
Sharad Purnima 2021: शरद पूर्णिमा की रात पूजा के लिए ये है सही मुहूर्त
नई दिल्ली:

Sharad Purnima Shubh Muhurt: अश्विन माह में आने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) कहा जाता है. इस पूर्णिमा को कौमुदी, कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. वैसे तो प्रत्‍येक मास की पूर्णिमा तिथि को धनदायक और बेहद शुभ माना जाता है, लेकिन साल की कुछ खास पूर्णिमा तिथियों को सबसे शुभ और समृद्धशाली माना जाता है. इन्‍हीं में से एक है शरद पूर्णिमा. हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. प्रत्येक महीने में एक पूर्णिमा तिथि होती है और साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं. प्रत्येक पूर्णिमा तिथि अपने आप में अलग महत्व रखती है और हर पूर्णिमा तिथि में अलग ढंग से पूजन करने का विधान है. धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार इसी दिन से सर्दियों का आरंभ माना जाता है. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा धरती के सबसे निकट होता है. ये पर्व रात में चंद्रमा की दूधिया रोशनी के बीच मनाया जाता है.

ऐसी मान्यता है कि पूरे साल में केवल शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. इस दिन चंद्र देव की पूजा करना शुभ होता हैं. शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और उन्हें पान अर्पित किया जाता है. इस पान को प्रसाद के तौर पर घर में बांटा जाता है. मान्‍यता है कि इस दिन आकाश से अमृत वर्षा होती है और मां लक्ष्‍मी की कृपा प्राप्‍त होती है. मान्‍यताओं के आधार पर ऐसी परंपरा बनाई गई है कि रात को चंद्रमा की चांदनी में खीर रखने से उसमें अमृत समा जाता है. इस दिन रातभर देवी लक्ष्मी का जागरण किया जाता है. इतना ही नहीं, इस दिन चंद्र देव की भी अराधना भी की जाती है, इसलिए कहा जाता है कि आज के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

कोजागिरी पूर्णिमा पूजा का शुभ मुहूर्त

शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए इस शुभ मुहूर्त में पूजा जरूर करें, जिससे आप पर मां की कृपा बनी रहेगी. शरद पूर्णिमा पूजा 19 अक्टूबर को रात 11:41 बजे से शुरू होकर 20 अक्टूबर को दोपहर 12:31 बजे के बीच तक किया जाना शुभ होगा.

शरद पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 19 अक्टूबर की शाम 07:03 बजे से.
  • पूर्णिमा तिथि समाप्ति 20 अक्टूबर की रात 08:26 बजे तक.

जानें, क्‍यों बनाई जाती है खीर

ऐसी मान्यता है कि इस दिन चन्द्रमा से निकलने वाली किरणों से अमृत की वर्षा होती है, यही कारण है कि इस दिन चन्द्रमा को भोग में खीर अर्पित की जाती है. वहीं खीर को खुले आसमान के नीचे रखा जाता है, ताकि खीर में भी चन्द्रमा की रोशनी पड़े और इसमें भी अमृत का प्रभाव हो सके. शरद पूर्णिमा की रात को खीर चांद की रोशनी में रखने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण यह भी है कि रात में चांदी के बर्तन में खीर रखने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता का विस्‍तार होता है, इसलिए हो सके तो शरद पूर्णिमा की रात को खीर चांदी के बर्तन में रखनी चाहिए.

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