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This Article is From Nov 29, 2021

Shani Amavasya: शनि अमावस्या पर पढ़ें शनिदेव के ये शक्तिशाली नाम

Shani Amavasya 2021: सनातन संस्कृति में अमावस्या का विशेष महत्व है और अमावस्या अगर शनिवार के दिन पड़े तो इसका मतलब सोने पर सुहागा से कम नहीं है. मार्गशीर्ष मास की अमावस्या इस बार 4 दिसंबर को पड़ रही है. इस दिन शनिवार होने के कारण यह शनैश्चरी अमावस्या कहलाएगी. 

Shani Amavasya: शनि अमावस्या पर पढ़ें शनिदेव के ये शक्तिशाली नाम
Shani Amavasya: शनि के ये नाम जपने से मिल सकती है हर कष्ट से मुक्ति
नई दिल्ली:

चंद्रमा की घटती बढ़ती कलाओं के कारण हर माह पूर्णिमा और अमावस्या तिथि आती है. जहां शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन पूर्णिमा होती है, तो वहीं कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन अमावस्या तिथि आती है. इस दिन दान और पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है. बता दें कि मार्गशीर्ष मास की अमावस्या इस बार 4 दिसंबर को पड़ रही है. इस दिन शनिवार होने के कारण यह शनैश्चरी अमावस्या कहलाएगी. इस दिन शनि देव की शांति या प्रसन्नता पाने के लिए कुछ उपायों से कष्टों छुटकारा पाया जा सकता है. शनि देव कर्मफलदाता और न्याय के देवता कहलाते हैं. शनिवार के दिन अमावस्या तिथि होने पर उसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है. 

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शास्त्रों में उल्लेख है कि शनि अमावस्या को न्याय के देवता शनिदेव सभी को अभय प्रदान करते हैं. मान्यता है कि इस दिन शनि की साधना करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है. साथ ही शनिवार और मंगलवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनके 10 पवित्र नामों का जप करना चाहिए. इन नामों का स्मरण करने से सभी शनि दोष दूर हो जाते हैं.

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इन 10 नामों से करें शनिदेव का पूजन

कोणस्थ.
पिंगल. 
बभ्रु. 
कृष्ण. 
रौद्रान्तक. 
यम. 
सौरि. 
शनैश्चर. 
मंद. 
पिप्पलाद.

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पूजन के समय इन मंत्रों का करें जाप

नमस्ते कोण संस्थाय पिंगलाय नमोऽस्तुते।
नमस्ते बभ्रुरुपाय कृष्णाय नमोऽस्तुते॥

नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चांतकायच।
नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो॥

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नमस्ते मंदसंज्ञाय शनैश्चर नमोऽस्तुते।
प्रसादं कुरू देवेश दीनस्य प्रणतस्य च॥

कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:। 
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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