अमावस्या अगर शनिवार के दिन पड़ रही हो उसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है. 17 मार्च के दिन शनिश्चरी अमावस्या का ही संयोग है. ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि ये अमावस्या कई मायनों में अहम है. जिन लोगों की कुंडली में शनिदोष है वो लोग इस दिन तय विधि विधान के अनुसार पूजन करके उससे मुक्ति पा सकते हैं. अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की शुरुआत होती है जिसमें मांगलिक कृत्य करना शुभ माना गया है. हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी इसी अमावस्या के पश्चात होती है.
शनि की साढ़े साती का प्रभाव भी किया जा सकता है कम
ये भी माना जाता है कि अगर किसी भी व्यक्ति के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या फिर ढैय्या चल रही हो तो इस दिन कुछ उपाय करने से उनका प्रभाव भी कम हो जाता है. इसके अलावा इस दिन शनिदेव के पूजन से उन्हें खुश करके मनचाहा फल भी प्राप्त किया जा सकता है.
पितरों को खुश करने का दिन
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव हैं. ऐसे में इस दिन अपने पितरों को भी प्रसन्न करने का सही समय है. ऐसा माना जा रहा है कि शनिश्चरी अमावस्या के दिन किए गए शांति उपाय तुरंत फलकारी होते हैं.
सहस्त्र गुना मिलता है फल
तंत्र शास्त्रों में कहा गया है कि इन दिन किए गए पूजन और पितरों के लिए किए गए तर्पण से सहस्त्र गुना फल मिलता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और विभिन्न प्रकार के अनाजों का दान करना फलकारी माना गया है.
घर में सकारात्मक ऊर्जा को होता है संचार
अपने पितरों का स्मरण कर करने और विधि विधान के अनुरूप पूजन करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है. कहा जाता है कि इस दिन किए गए पूजन से पितरों का आशीर्वाद मिलता है एवं जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
शनि की साढ़े साती का प्रभाव भी किया जा सकता है कम
ये भी माना जाता है कि अगर किसी भी व्यक्ति के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या फिर ढैय्या चल रही हो तो इस दिन कुछ उपाय करने से उनका प्रभाव भी कम हो जाता है. इसके अलावा इस दिन शनिदेव के पूजन से उन्हें खुश करके मनचाहा फल भी प्राप्त किया जा सकता है.
पितरों को खुश करने का दिन
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव हैं. ऐसे में इस दिन अपने पितरों को भी प्रसन्न करने का सही समय है. ऐसा माना जा रहा है कि शनिश्चरी अमावस्या के दिन किए गए शांति उपाय तुरंत फलकारी होते हैं.
सहस्त्र गुना मिलता है फल
तंत्र शास्त्रों में कहा गया है कि इन दिन किए गए पूजन और पितरों के लिए किए गए तर्पण से सहस्त्र गुना फल मिलता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और विभिन्न प्रकार के अनाजों का दान करना फलकारी माना गया है.
घर में सकारात्मक ऊर्जा को होता है संचार
अपने पितरों का स्मरण कर करने और विधि विधान के अनुरूप पूजन करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है. कहा जाता है कि इस दिन किए गए पूजन से पितरों का आशीर्वाद मिलता है एवं जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
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