साइंटिस्ट प्रदीप चौहान ने बताया कैसे हुआ राम नवमी पर रामलला का सूर्य तिलक ?

Surya tilak : यह सूर्य तिलक अब हर साल रामनवमी के मौके पर प्रभु श्रीराम के ललाट पर 2 से 3 मिनट के लिए सुशोभित होगा. इसमें किसी तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल नहीं किया गया है.

साइंटिस्ट प्रदीप चौहान ने बताया कैसे हुआ राम नवमी पर रामलला का सूर्य तिलक ?

वैज्ञानिक प्रदीप चौहान ने बताया कि सूर्य की किरणों को रामलला के गर्भ गृह तक पहुंचाने का काम बहुत चैलेंजिंग था.

Ayodhya Ram navami 2024: अयोध्या में आज रामनवमी के मौके पर रामलला के बाल स्वरूप के सूर्यतिलक का अद्भुत नजारा देखने को मिला. इस मौके पर रामलला की विशेष पूजा-अर्चना की गई. रामलला के दिव्य सूर्याभिषेक का नजारा बेहद मनमोहक था. रामनवमी के दिन वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक तक आई. 5 मिनट तक रामलला के ललाट पर सूर्य की किरण दिखाई दी. ऐसे में एनडीटीवी से बातचीत में वैज्ञानिक प्रदीप चौहान (Pradeep Chouhan) ने समझाया कि कैसे सूर्य तिलक को गर्भगृह तक पहुंचाया गया और इसमें किस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया गया. 

Ramnavami bhog : राम नवमी पर प्रभु श्रीराम को लगाएं इन खास चीजों का भोग

सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) रुड़की के वैज्ञानिक प्रदीप चौहान ने बताया कि सूर्य की किरणों को रामलला के गर्भ गृह तक पहुंचाने का काम बहुत चैलेंजिंग था. इसके लिए हमने ऑप्टोमैकेनिकल तकनीक और एस्ट्रोनॉमिकल कैलकुलेशन का यूज किया. इसमें हमने 4 लेंस, 4 मिरर का उपयोग किया है. इन सारी चीजों को मंदिर के तीसरे तल पर लगाया गया. इन लेंस और मिरर के माध्यम से यह गर्भगृह तक पहुंचा. उन्होंने आगे बताया कि हर साल हिन्दू तिथियां बदलती रहती हैं, ऐसे में सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) रुड़की के विज्ञानियों ने 19 साल के कैलेंडर के हिसाब से सूर्य तिलक के लिए ऑप्टोमैकेनिकल सिस्‍टम (Optomechanical System) को डिजाइन किया है. ऐसे में यह सूर्य तिलक अब हर साल रामनवमी के मौके पर प्रभु श्रीराम के ललाट पर 2 से 3 मिनट के लिए सुशोभित होगा. इसमें किसी तरह की बिजली या बैटरी का इस्तेमाल नहीं किया गया है. यह पूरी तरह से ऑप्टोमैकेनिकल है. 

Ayodhya: राम मंदिर में राम नवमी पर किस तरह से हुआ रामलला का सूर्य तिलक ?

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com