Sawan 2017: इस बार बेहद खास है सावन माह
इस बार भगवान शिव का प्रिय माह सावन बेहद खास है. वजह है इस बार विशेष योग का बनना. दरअसल इस बार सावन माह में पांच सोमवार हैं. ये पवित्र माह सोमवार से ही शुरू हुआ है और सोमवार को ही इसका समापन (7 अगस्त) भी होगा. ये खास योग कई वर्षों के बाद ही बनता है.
तीन सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग
इस बार सावन माह में तीन सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. पहला सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू होगा और आखिरी सोमवार के सर्वार्थ सिद्धि योग में खत्म भी होगा. पंडित अनूप गैरोला ने बताया कि सर्वार्थ सिद्धि योग का वक्त बेहद शुभ होता है. सर्वार्थ सिद्धि योग यानी अपने आप में सिद्ध. इस दिन की गई पूजा या हवन-यज्ञ का महत्व काफी अधिक होता है.
पंडित अनूप गैरोला ने बताया कि इस माह में रोटक व्रत भी काफी अहमियत मानी जाती है. श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार (पांच सोमवार होने से रोटक व्रत कहलाते हैं) को भगवान शिव-पार्वती की प्रीति के लिए व्रक रखकर शिवजी की बेलपत्र, दूध, दही, चावल, पुष्प, गंगाजल सहित पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है.
सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव के लिए व्रत और उनकी पूजा करने से उनकी विशेष कृपा होती है.
आखिरी सोमवार को रक्षा बंधन रहेगा. इस दिन चंद्रग्रहण का साया भी रहेगा.
प्रतिष्ठित मंदिरों में विशेष तैयारी
उम्मीद की जा रही है कि पूरे देश के शिवालयों में इस बार अधिक श्रद्धालुओं तांता लगेगा. उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित विश्वनाथ मंदिर उज्जैन के महाकाल मंदिर, झारखण्ड के देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम, रांची के पहाड़ी मंदिर, बिहार के हरिहरनाथ मंदिर (सोनपुर), बाबा गरीबनाथ मंदिर (मुजफ्फरपुर), सोमेश्वर मंदिर (मोतिहारी), गुप्तधाम मंदिर (रोहतास), गुजरात के सोमनाथ मंदिर, उत्तरखंड के केदारनाथ मंदिर समेत पूरे देश में सावन की विशेष तैयारियां की जा रही हैं. भक्तगण शिवालयों में भगवान शंकर के शिवलिंग और मूर्तियों पर भांग, बेलपत्र, धतूरा चढ़ा रहे हैं, और जल और दूध से अभिषेक करेंगे. मंदिरों में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए प्रायः सभी शहरों के स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
तीन सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग
इस बार सावन माह में तीन सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. पहला सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू होगा और आखिरी सोमवार के सर्वार्थ सिद्धि योग में खत्म भी होगा. पंडित अनूप गैरोला ने बताया कि सर्वार्थ सिद्धि योग का वक्त बेहद शुभ होता है. सर्वार्थ सिद्धि योग यानी अपने आप में सिद्ध. इस दिन की गई पूजा या हवन-यज्ञ का महत्व काफी अधिक होता है.
पंडित अनूप गैरोला ने बताया कि इस माह में रोटक व्रत भी काफी अहमियत मानी जाती है. श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार (पांच सोमवार होने से रोटक व्रत कहलाते हैं) को भगवान शिव-पार्वती की प्रीति के लिए व्रक रखकर शिवजी की बेलपत्र, दूध, दही, चावल, पुष्प, गंगाजल सहित पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है.
सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव के लिए व्रत और उनकी पूजा करने से उनकी विशेष कृपा होती है.
आखिरी सोमवार को रक्षा बंधन रहेगा. इस दिन चंद्रग्रहण का साया भी रहेगा.
प्रतिष्ठित मंदिरों में विशेष तैयारी
उम्मीद की जा रही है कि पूरे देश के शिवालयों में इस बार अधिक श्रद्धालुओं तांता लगेगा. उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित विश्वनाथ मंदिर उज्जैन के महाकाल मंदिर, झारखण्ड के देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम, रांची के पहाड़ी मंदिर, बिहार के हरिहरनाथ मंदिर (सोनपुर), बाबा गरीबनाथ मंदिर (मुजफ्फरपुर), सोमेश्वर मंदिर (मोतिहारी), गुप्तधाम मंदिर (रोहतास), गुजरात के सोमनाथ मंदिर, उत्तरखंड के केदारनाथ मंदिर समेत पूरे देश में सावन की विशेष तैयारियां की जा रही हैं. भक्तगण शिवालयों में भगवान शंकर के शिवलिंग और मूर्तियों पर भांग, बेलपत्र, धतूरा चढ़ा रहे हैं, और जल और दूध से अभिषेक करेंगे. मंदिरों में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए प्रायः सभी शहरों के स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
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