दुनिया के सबसे बड़े शिया मुस्लिम धर्म गुरु अयातुल्ला सिस्तानी ने रमजान शुरू होने से पहले एक फतवा जारी किया है. इस फतवे में उन्होंने कोरोनावायरस (Coronavirus) के बीच मुस्लिमों से कहा है कि अगर रोजा रखने से किसी को कोरोनावायरस का खतरा होता है तो उसका रोजा माफ है. दरअसल, रमजान (Ramzan) में रोजे के दौरान मुस्लिम पानी की एक भी बूंद नहीं पीते और इस वजह से इम्यूनिटी बहुत कम जाती है जब्कि डॉक्टरों ने ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी है.
इस वजह से सूखे गले से इंफेक्शन के खतरे को देखते हुए गुरु अयातुल्ला सिस्तानी ने यह फतवा जारी किया है. वहीं सुन्नी धर्म के तमाम गुरुओं ने मुस्लिमों से घर में ही तारावी पढ़ने और इफ्तार पार्टी करने की बजाए उस पैसे से जरूरतमंद लोगों की मदद करने की सलाह दी है.
दरअसल, गर्मियों में रोजा रखना मुश्किल होता है और फिलहाल कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन भी है और लोगों को अपने घरों में रहने के लिए ही कहा गया है. ऐसे में एक शिया मुसलमान ने इराक में धर्म गुरु अयातुल्ला सिस्तानी से पूछा था कि अगर किसी को कोरोनावायरस का खतरा महसूस हो तो क्या करें? इसके जवाब में अयातुल्ला ने कहा कि अगर हर तरह से एतिहात बरतने के बाद भी किसी को कोरोनावायरस का खतरा महसूस हो तो वह रोजा न रखें. हालांकि, इसके बाद भी शर्त है कि वह खुलेआम कुछ भी खा पी नहीं सकता.
वहीं इस बारे में बात करते हुए मौलाना राशिद ने कहा, "मेरी एक बार फिर से ये अपील है कि जो लॉकडाउन के रूल्स और रेगुलेशन हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाए. इन बातों का ध्यान रखना आपकी खुद की जिंदगी और आपके घरवालों की जिंदगी के लिए."
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