रमज़ान (Ramadan) का पाक महीना मंगलवार से शुरू हो गया है और आज पहला रोज़ा है. दरअसल, रमज़ान-उल-मुबारक के पाक महीने का चांद रविवार को नहीं दिखाई दिया, जिसके बाद 7 मई से रमज़ान शुरू होने का ऐलान कर दिया गया था. 30 दिनों के रोज़ों के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर (Eid al-Fitr) का त्योहार मनाया जाएगा.
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दिल्ली समेत देशभर में रविवार को रमज़ान का चांद नज़र नहीं आया, लिहाज़ा पहला रोज़ा मंगलवार को होगा. दिल्ली की शाही फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने बताया कि रविवार शाम चांद कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें चांद दिखने की खबर कहीं से नहीं मिली. दिल्ली का आसमान साफ था फिर भी चांद नहीं दिखा.
उन्होंने बताया कि सोमवार को इस्लामी महीने शाबान का 30 वां दिन होगा और पहला रमज़ान 7 मई को होगा. यानी पहला रोज़ा मंगलवार को होगा.
जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, "दिल्ली और देश के अन्य हिस्से में चांद नही दिखा है और कहीं से चांद दिखने की गवाही भी नहीं आई है." इमारत-ए-शरिया हिंद ने भी बयान जारी कर रविवार को चांद नहीं दिखाने और सात मई को पहला रोज़ा होने का ऐलान किया है.
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गौरतलब है कि रोज़े रखना इस्लाम के पांच स्तंभ में से एक है. हर सेहतमंद इंसान का रमज़ान के रोज़े रखना फ़र्ज़ है. पूरे महीने रोज़े के बाद जो ईद होती है उसे ईद-उल-फितर या मीठी ईद (Mithi Eid) कहते हैं. रोज़ादार ईद के दिन नमाज से पहले गरीबों में फितरा बांटा जाता है.
रोजा रखने के लिए मुस्लिम लोग सुबह सूर्योदय से पहले सेहरी खाते हैं, पूरे दिन भूखे-प्यासे रहने के बाद फिर शाम को रोजा (इफ्तार) खोलते हैं. पूरे दिन 5 वक्त की नमाज अदा करते हैं. बता दें, रमजान के इस पाक महीने को नेकियों का महीना भी कहते हैं.
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