रायपुर:
छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के रूप में प्रसिद्ध राजिम में महानदी, पैरी और सोंढूर नदी के संगम पर 22 फरवरी से लग रहे पखवाड़े भर के वार्षिक राजिम कुंभ मेले में इस वर्ष भी संत-समागम का विशेष आकर्षण रहेगा। संत समागम एक मार्च शुरू होकर महाशिवरात्रि सात मार्च तक चलेगा।
संत समागम के लिए संगम पर भव्य मंच बनाया जा रहा है। मंच पर एक मार्च से सात मार्च तक सातों दिन सत्संग और प्रवचन की धारा बहेगी। संत समागम में आने वाले नागा साधुओं, शंकराचार्यो, महामंडलेश्वरों और अन्य साधु-संतों के रहने के लिए साधु कुटिया बनाई जा रही है।
धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने यहां मंगलवार को बताया कि इस साल संत-समागम में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, द्वारका शारदा पीठाधीश्वर, आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती, आचार्य महामंडलेश्वर अग्निपीठाधीश्वर रामकृष्णानंद महाराज सहित 10 अखाड़ों, 25 महामंडलेश्वरों, 50 महंतों सहित हजारों साधु-संतों के आगमन को देखते हुए जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
व्यापक पैमाने पर चल रही है तैयारी
संगम पर कुंभ मेले के आखिरी दिन महाशिवरात्रि पर्व पर होने वाले शाही स्नान के लिए शाही कुंड बनाया गया है। संगम में नदी के रेत पर अस्थायी सड़कें बनाई जा रही हैं। राजीव लोचन मंदिर से कुलेश्वर मंदिर और शाही कुंड तक बनाई जा रही मुरम की कच्ची सड़कों पर सुरक्षा के लिए बेरीकेडिंग करने सभी तैयारियां की जा रही हैं।
मंत्री ने बताया कि खाद्य विभाग द्वारा मेला स्थल पर दाल-भात केंद्र खोले जाएंगे। मेले के दौरान राजीव लोचन मंदिर, कुलेश्वर मंदिर, मामा-भांचा मंदिर सहित नवापारा और राजिम के अन्य सभी मंदिरों में रोशनी की जाएगी।
मेला स्थल पर एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बल की तैनाती की जाएगी। आसपास के कई गांवों के कोटवारों की भी ड्यूटी सुरक्षा के लिए लगाई गई है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
संत समागम के लिए संगम पर भव्य मंच बनाया जा रहा है। मंच पर एक मार्च से सात मार्च तक सातों दिन सत्संग और प्रवचन की धारा बहेगी। संत समागम में आने वाले नागा साधुओं, शंकराचार्यो, महामंडलेश्वरों और अन्य साधु-संतों के रहने के लिए साधु कुटिया बनाई जा रही है।
धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने यहां मंगलवार को बताया कि इस साल संत-समागम में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, द्वारका शारदा पीठाधीश्वर, आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती, आचार्य महामंडलेश्वर अग्निपीठाधीश्वर रामकृष्णानंद महाराज सहित 10 अखाड़ों, 25 महामंडलेश्वरों, 50 महंतों सहित हजारों साधु-संतों के आगमन को देखते हुए जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
व्यापक पैमाने पर चल रही है तैयारी
संगम पर कुंभ मेले के आखिरी दिन महाशिवरात्रि पर्व पर होने वाले शाही स्नान के लिए शाही कुंड बनाया गया है। संगम में नदी के रेत पर अस्थायी सड़कें बनाई जा रही हैं। राजीव लोचन मंदिर से कुलेश्वर मंदिर और शाही कुंड तक बनाई जा रही मुरम की कच्ची सड़कों पर सुरक्षा के लिए बेरीकेडिंग करने सभी तैयारियां की जा रही हैं।
मंत्री ने बताया कि खाद्य विभाग द्वारा मेला स्थल पर दाल-भात केंद्र खोले जाएंगे। मेले के दौरान राजीव लोचन मंदिर, कुलेश्वर मंदिर, मामा-भांचा मंदिर सहित नवापारा और राजिम के अन्य सभी मंदिरों में रोशनी की जाएगी।
मेला स्थल पर एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बल की तैनाती की जाएगी। आसपास के कई गांवों के कोटवारों की भी ड्यूटी सुरक्षा के लिए लगाई गई है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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