छग : राजिम कुंभ 31 जनवरी से
नई दिल्ली:
हर साल छत्तीसगढ़ में राजिम कुंभ का मेला माघ पूर्णिमा से शिवरात्रि तक चलता है. इस साल यह 31 जनवरी माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्री 13 फरवरी तक चलेगा. इस मेले में कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. इस वर्ष राजिम कुंभ कई मायने में बेहद खास रहने वाला है. राजिम कुंभ का यह 13वां आयोजन है और इसे खास बनाने की तैयारियां सरकार की ओर से जारी हैं. धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस संदर्भ में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं.
चंद्रग्रहण 2018: 31 जनवरी को दिखेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, क्या करें और क्या न करें
अग्रवाल के मुताबिक, राजीव लोचन मंदिर से कुलेश्वर महादेव मंदिर एवं लोमश ऋषि आश्रम तक सस्पेंशन ब्रिज लक्ष्मण झूला का निर्माण प्रारंभ हो गया है, जो सम्भवत: देश का सबसे बड़ा सस्पेंसन झूला होगा. साथ ही मेला क्षेत्र में सबमर्सिबल सड़क निर्माण की भी योजना है.
क्या होते हैं गुप्त नवरात्रि? जानिए पूजा विधि और महत्व
विभागीय सचिव सोनमणि वोरा के अनुसार, 13वां राजिम कुंभ कल्प मेला इस बार ऐतिहासिक होगा. विराट संत समागम के अवसर पर सात फरवरी को साधु-संतों के स्वागत के लिए ढाई लाख मिट्टी के दीये जलाए जाएंगे. इसी तरह नदी के संरक्षण, नदी संवर्धन, जल स्वच्छता विषय पर नदी मैराथन का आयोजन तीन फरवरी को प्रात: 07.30 बजे से किया जाएगा.
इस्लाम धर्म में हरे रंग को क्यों माना जाता है पाक, जानिए इसका महत्व
राजिम कुंभ का एक और महत्वपूर्ण कार्यक्रम सामूहिक शंखनाद होगा, जिसमें 1500 शंख एक साथ गूंजायमान होंगे.
अग्रवाल ने कहा कि यह हमारी भारतीय संस्कृति का एक प्रतीक है, जो राजिम कुंभ में झलकेगा.
देखें वीडियो - GROUND REPORT : आधार के लिए दर-बदर दिल्ली
INPUT - IANS
चंद्रग्रहण 2018: 31 जनवरी को दिखेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, क्या करें और क्या न करें
अग्रवाल के मुताबिक, राजीव लोचन मंदिर से कुलेश्वर महादेव मंदिर एवं लोमश ऋषि आश्रम तक सस्पेंशन ब्रिज लक्ष्मण झूला का निर्माण प्रारंभ हो गया है, जो सम्भवत: देश का सबसे बड़ा सस्पेंसन झूला होगा. साथ ही मेला क्षेत्र में सबमर्सिबल सड़क निर्माण की भी योजना है.
क्या होते हैं गुप्त नवरात्रि? जानिए पूजा विधि और महत्व
विभागीय सचिव सोनमणि वोरा के अनुसार, 13वां राजिम कुंभ कल्प मेला इस बार ऐतिहासिक होगा. विराट संत समागम के अवसर पर सात फरवरी को साधु-संतों के स्वागत के लिए ढाई लाख मिट्टी के दीये जलाए जाएंगे. इसी तरह नदी के संरक्षण, नदी संवर्धन, जल स्वच्छता विषय पर नदी मैराथन का आयोजन तीन फरवरी को प्रात: 07.30 बजे से किया जाएगा.
इस्लाम धर्म में हरे रंग को क्यों माना जाता है पाक, जानिए इसका महत्व
राजिम कुंभ का एक और महत्वपूर्ण कार्यक्रम सामूहिक शंखनाद होगा, जिसमें 1500 शंख एक साथ गूंजायमान होंगे.
अग्रवाल ने कहा कि यह हमारी भारतीय संस्कृति का एक प्रतीक है, जो राजिम कुंभ में झलकेगा.
देखें वीडियो - GROUND REPORT : आधार के लिए दर-बदर दिल्ली
INPUT - IANS
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं