
छग : संतों के शाही स्नान के साथ राजिम कुंभ खत्म
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राजिम कुंभ का हुआ समापन
31 जनवरी माघ पूर्णिमा से हुआ था शुरू
शोभायात्रा की अगुवाई नागा साधुओं ने की
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नागा साधुओं के शस्त्र पूजन के साथ ही साथ विभिन्न संप्रदायों, आश्रमों, अखाड़ों के साधु-संत अपनी संस्थाओं के निशानों और ध्वजों के साथ शाही स्नान के लिए शोभा यात्रा निकली थी. यह शोभायात्रा लोमश ऋषि आश्रम के नजदीक बनाए गए संत समागम स्थल से होकर नवापारा के नेहरू घाट से नए पुल होते हुए राजिम पहुंची. राजिम में पं. सुंदर लाल शर्मा चौक से शास्त्री चौक होते हुए साधु-संत त्रिवेणी संगम पर शाही कुंड तक पहुंचे.
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शोभायात्रा की अगुवाई परंपरानुसार नागा साधुओं का दल कर रहा था. आश्रमों और अखाड़ों के प्रमुख साधु-संत घोड़ों और बग्गियों में सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए थे.
नवापारा और राजिम शहर की जनता ने शोभायात्रा का पुष्पवर्षा कर अभिनंदन किया. शोभायात्रा में शामिल नागा साधुओं के साथ अन्य साधुओं ने अपने शस्त्रों के साथ आकर्षक करतब दिखाते हुए अखाड़ा प्रदर्शन करते रहे.
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर राजिम के त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. राजिम कुंभ की महिमा बढ़ती जा रही है.
INPUT - IANS
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