तख्त श्री हरमंदिरजी साहिब (फोटो साभार: takhatpatnasahib.com)
पटना:
सिखों के दसवें गुरू और खालसा के संस्थापक गुरु गोबिंद सिंह की 350वीं जयंती पर पटना में आयोजित समारोहों के लिये यहां जोर शोर से तैयारियां की जा रही हैं। इस अवसर पर बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं के आगमन की उम्मीद के चलते गंगा के घाटों को सजाने संवारने के साथ ही पटना शहर और प्रसिद्ध पटना साहिब गुरूद्वारे तक पहुंचने वाली सड़कों को चौड़ा करने और गलियों को साफ सुथरा करने का काम जोर शोर से चल रहा है।
सभी समुदायों के लिए एक प्रमुख पर्यटक आकषर्ण का केन्द्र होने के अलावा दसवें सिख गुरू की जन्मस्थली पटना साहिब को विश्व भर में रहने वाले सिख अपने पवित्र धर्म स्थलों में से एक मानते हैं।
विदेशों से आएंगे श्रद्धालु
बिहार सरकार ने ऐतिहासिक अवसर के मद्देनजर जनवरी 2017 में भव्य समारोह की योजना तैयार की है और इसे बेहतरीन ढंग से अमलीजामा पहनाने के लिये तेजी से तैयारी की जा रही है।
इस अवसर पर भारत के विभिन्न हिस्सों के साथ ही कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया आदि कई अन्य देशों से लोगों के यहां आने की संभावना है। इसे देखते हुए तम्बू का एक अस्थायी शहर बनाने की भी योजना है और पटना साहिब के परिसर में नये निर्माणों को पूरा करने का काम तेजी से किया जा रहा है।
गंगा घाट पर बनेगा अस्थायी शहर
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘कंगन घाट के नजदीक गंगा के घाट पर 75 एकड़ क्षेत्र में तंबू का एक अस्थायी शहर बनाने का प्रस्ताव है। इस इलाके को पहले ही चिह्नित कर लिया गया है। वहां तीर्थयात्रियों को शौचालय, बिजली, पानी सहित सभी सुविधाएं मुहैया करायी जाएंगी।’’
पटना डिवीजन के आयुक्त आनंद किशोर ने बताया, ‘‘350वीं जयंती के अवसर पर पटना में भारी संख्या में लोगों के उमडने का अनुमान है। और हम इतनी बडी तादाद में तीर्थयात्रियों का बेहतरीन ढंग से स्वागत करने के लिए तैयार रहना चाहते हैं।
...केवल आयोजन नहीं, बात बिहार की छवि की है!
उन्होंने कहा, "यह न केवल एक आयोजन का सवाल है बल्कि खुद बिहार की छवि की बात है। उल्टी गिनती शुरू हो गयी है और समय सीमा निर्धारित है। समयबद्ध तरीके से सभी परियोजनाएं पूरी हो जाएगी। अंतर-मंत्रालयीन विरोधों का समाधान कर दिया गया है और बड़ी योजना पर सुचारू रूप से अमल करने के लिए 7-8 समिति और उप-समितियों का गठन किया गया है।’’
संकरी गलियों और पुरानी इमारतों से भरे पटना के पुराने क्षेत्र पटना सिटी में गुरू गोविंद सिंह पथ जैसी पुरानी सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है और नयी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। शहर में गंगा के घाटों का भी पुन-निर्माण किया जा रहा है।
महाराजा रंजीत सिंह ने बनवाया था पटना साहिब गुरूद्वारा
गुरू गोविंद सिंह का 1666 में पटना में जन्म हुआ था। वह नौवें सिख गुरू तेग बहादुर और माता गुजरी की संतान थे। पटना साहिब का वर्तमान गुरूद्वारा या तख्त श्री हरमंदिरजी साहिब गुरू गोविंद सिंह के जन्म स्थल का प्रतीक है।
इस गुरूद्वारा को महाराजा रंजीत सिंह द्वारा 1830 के दशक के उतरार्ध में बनायी गयी संरचना के अवशेष पर 1950 के दशक में बनाया गया था। रंजीत सिंह द्वारा बनायी गयी संरचना 1934 के भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गयी थी।
सभी समुदायों के लिए एक प्रमुख पर्यटक आकषर्ण का केन्द्र होने के अलावा दसवें सिख गुरू की जन्मस्थली पटना साहिब को विश्व भर में रहने वाले सिख अपने पवित्र धर्म स्थलों में से एक मानते हैं।
विदेशों से आएंगे श्रद्धालु
बिहार सरकार ने ऐतिहासिक अवसर के मद्देनजर जनवरी 2017 में भव्य समारोह की योजना तैयार की है और इसे बेहतरीन ढंग से अमलीजामा पहनाने के लिये तेजी से तैयारी की जा रही है।
इस अवसर पर भारत के विभिन्न हिस्सों के साथ ही कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया आदि कई अन्य देशों से लोगों के यहां आने की संभावना है। इसे देखते हुए तम्बू का एक अस्थायी शहर बनाने की भी योजना है और पटना साहिब के परिसर में नये निर्माणों को पूरा करने का काम तेजी से किया जा रहा है।
गंगा घाट पर बनेगा अस्थायी शहर
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘कंगन घाट के नजदीक गंगा के घाट पर 75 एकड़ क्षेत्र में तंबू का एक अस्थायी शहर बनाने का प्रस्ताव है। इस इलाके को पहले ही चिह्नित कर लिया गया है। वहां तीर्थयात्रियों को शौचालय, बिजली, पानी सहित सभी सुविधाएं मुहैया करायी जाएंगी।’’
पटना डिवीजन के आयुक्त आनंद किशोर ने बताया, ‘‘350वीं जयंती के अवसर पर पटना में भारी संख्या में लोगों के उमडने का अनुमान है। और हम इतनी बडी तादाद में तीर्थयात्रियों का बेहतरीन ढंग से स्वागत करने के लिए तैयार रहना चाहते हैं।
...केवल आयोजन नहीं, बात बिहार की छवि की है!
उन्होंने कहा, "यह न केवल एक आयोजन का सवाल है बल्कि खुद बिहार की छवि की बात है। उल्टी गिनती शुरू हो गयी है और समय सीमा निर्धारित है। समयबद्ध तरीके से सभी परियोजनाएं पूरी हो जाएगी। अंतर-मंत्रालयीन विरोधों का समाधान कर दिया गया है और बड़ी योजना पर सुचारू रूप से अमल करने के लिए 7-8 समिति और उप-समितियों का गठन किया गया है।’’
संकरी गलियों और पुरानी इमारतों से भरे पटना के पुराने क्षेत्र पटना सिटी में गुरू गोविंद सिंह पथ जैसी पुरानी सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है और नयी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। शहर में गंगा के घाटों का भी पुन-निर्माण किया जा रहा है।
महाराजा रंजीत सिंह ने बनवाया था पटना साहिब गुरूद्वारा
गुरू गोविंद सिंह का 1666 में पटना में जन्म हुआ था। वह नौवें सिख गुरू तेग बहादुर और माता गुजरी की संतान थे। पटना साहिब का वर्तमान गुरूद्वारा या तख्त श्री हरमंदिरजी साहिब गुरू गोविंद सिंह के जन्म स्थल का प्रतीक है।
इस गुरूद्वारा को महाराजा रंजीत सिंह द्वारा 1830 के दशक के उतरार्ध में बनायी गयी संरचना के अवशेष पर 1950 के दशक में बनाया गया था। रंजीत सिंह द्वारा बनायी गयी संरचना 1934 के भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गयी थी।
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