How to get rid of pitra dosh: कहते हैं जीवन में गुरु का होना बहुत ज्यादा जरूरी होता हैं, जो हमें सही मार्ग दिखाते हैं. ऐसे में लोगों को सही मार्ग दिखाने का काम मथुरा वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद सागर महाराज (Premanand Sagar Maharaj) करते हैं. जिनके वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं. उनके अनुयायी बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हैं, जो उनकी बातों को सुनते हैं, समझते हैं और अपने जीवन में भी आत्मसात करते हैं. ऐसे में प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में एक वीडियो में पितृपक्ष (pitru paksh) के बारे में बताया. जिसमें उन्होंने पितृदोष (pitru dosh) कैसे लगता है और इससे कैसे बचना चाहिए विस्तार से बताया...
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पितृ दोष का कारण बनती हैं ये 5 वजह
- प्रेमानंद सागर महाराज ने बताया कि अकाल मृत्यु होने पर अगर किसी व्यक्ति का अंतिम संस्कार विधि विधान से नहीं किया जाता है, तो पितृ दोष लगा सकता है.
- इसके अलावा पितरों के तर्पण और श्रद्धा को विधि-विधान से न करने से और धार्मिक अनुष्ठानों को नजरअंदाज करने से भी पितृ दोष लग सकता है.
- प्रेमानंद सागर महाराज जी ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति अपने पितरों के नाम का गलत इस्तेमाल करता है, तो इससे भी पितृ दोष लग सकता है.
- जो व्यक्ति अपने माता-पिता का अपमान करता है, उनका उपकार नहीं मानता तो इसके परिणामस्वरूप उसे पितृ दोष भुगतना पड़ सकता है.
- प्रेमानंद सागर महाराज ने यह भी बताया कि न केवल पितरों का अपमान करने से बल्कि गौ हत्या करने से भी पितृ दोष लगता है.
- प्रेमानंद सागर महाराज ने बताया कि अगर परिवार में संतान होने में समस्या आ रही है या संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो पा रही है, वंश का विस्तार नहीं हो पा रहा, तो यह भी पितृ दोष के कारण हो सकता है. ऐसे में उन्होंने कहा कि हमें अपने पितरों का श्राद्ध जरूर करना चाहिए, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले और पितरों का सम्मान करना चाहिए उनके नाम का गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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