Magh Pradosh Vart 2025 : हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है. सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित है और इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. इसके साथ ही हर माह की त्रयोदशी तिथि भी भगवान शिव को समर्पित होती है और भक्त इस दिन प्रदोष व्रत (Pradosh Vart ) रखकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं. 12 महीनों में माघ माह भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए उत्तम माना गया है. इस बार अद्भुत संयोग भी बन रहा है. माघ माह का पहला प्रदोष व्रत (Magh first Pradosh Vart ) सोमवार के दिन होने के कारण सोम प्रदोष (Som Pradosh) कहलाएगा. यह व्रत रखने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है. इसके साथ ही संतान की कामना भी पूरी होती है. सोम प्रदोष व्रत करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है. माघ माह में सोमवार को प्रदोष व्रत के खास संयोग में भगवान शिव की पूजा अर्चना बेहद फलदाई होने वाली है. आइए जानते हैं कब है माघ का पहला प्रदोष व्रत और खास संयोग के कारण इस व्रत से होने वाले लाभ…
Kumbh 2025 : महाकुंभ में कल्पवास का नियम, महत्व और लाभ क्या है, जानिए यहां
माघ माह के पहले प्रदोष व्रत की तिथि - Date of first Magh Pradosh Vart
माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की 26 जनवरी रविवार को रात 8 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 27 जनवरी सोमवार को रात 8 बजकर 34 मिनट पर रहेगी. प्रदोष व्रत 27 जनवरी सोमवार को रखा जाएगा. सोमवार के दिन होने के कारण यह सोम प्रदोष व्रत होगा. इस दिन भगवान शंकर की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 56 मिनट से रात 8 बजकर 34 मिनट तक है.
अद्भुत संयोग से लाभ
विद्वानों के अनुसार माघ माह में प्रदोष व्रत के दिन बन रहे अद्भुत संयोग के कारण इस प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा का कई गुणा लाभ प्राप्त होगा. प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान से भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा से उनकी असीम कृपा प्राप्त होगी. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान, शिव स्त्रोत के जाप से सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है. माघ माह के प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की कृपा से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है.
सोम प्रदोष व्रत का महत्व
सोमवार भगवान शिव का दिन माना जाता है इसलिए सोम प्रदोष व्रत का बहुत महत्व होता है. सोम प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है और धन संपत्ति की कमी दूर होती है. इसके साथ ही सोम प्रदोष व्रत रखने से संतान की कामना भी पूर्ण होती है. इसके अलावा पौराणिक कथाओं के अनुसार चंद्रदेव से श्राप से मुक्ति के लिए सोम प्रदोष का व्रत रखा था और भगवान शिव की कृपा से दोष से मुक्त हो गए थे. सोम प्रदोष व्रत के दिन दही, दूध, घी और चावल दान करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है और मानसिक सेहत बेहतर होता है. इस वर्ष माघ माह में पहले प्रदोष व्रत यानी सोम प्रदोष व्रत रखने और विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से भक्तों को परेशानियों से मुक्ति मिलने के साथ-साथ जीवन में सुख समृद्धि में वृद्धि होगी और अकाल मृत्यु के भय से छुटकारा मिलेगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं