Paush Maas Upay: सनातन धर्म में पौष के महीने को बेहद पवित्र और पुण्यदायी माना गया है. यह हिंदू पंचांग के अनुसार, 10वां महीना होता है. जो कि मार्गशीर्ष महीने के बाद आता है. पंचांग के अनुसार, पौष का महीना 06 जनवरी तक है. इसके बाद माघ का महीना शुरू हो जाएगा. यह महीना तेज और ऊर्जा के प्रतीक भगवान सूर्य नारायण को समर्पित है. सूर्य भगवान सनातन धर्म के पांच मुख्य देवों में से एक हैं और यह इकलौते भगवान हैं, जो हमें साक्षात रूप से आकर दर्शन देते हैं. यानी सूर्य देव एक प्रत्यक्ष देवता हैं. वहीं ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य आत्मा, पिता और स्वास्थ्य का कारक है. आइए ऐसे में जानते हैं कि पौष के बचे हुए दिनों किन उपायों को करने से सूर्य की तरह किस्मत चमक सकती है.
क्या है सूर्य का महत्व
कुंडली में मजबूत सूर्य जातक को अपार यश, ऐश्वर्य और कीर्ति की प्राप्ति कराता है और यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमज़ोर है तो आपको जीवनपर्यंत अनेकों अनेक परेशानियों से जूझना पड़ेगा. पौष मास में भगवान सूर्य धनु राशि में गोचर होते हैं, जिसके कारण समस्त शुभ कार्य कुछ समय के लिए स्थगित हो जाते हैं. इस मास में पितरों के नाम से पिंडदान करने का भी विशेष महत्व है और ऐसा करने से पितरों को अवश्य ही बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है.
पौष में क्या करें उपाय
आमतौर इस पूरे महीने ही भगवान सूर्य को प्रसन्न करना चाहिए, लेकिन इस मास के आखिरी 5 दिनों में सूर्य देव की आराधना करने का फायदा अधिक हो जाता है. यानि नव वर्ष 2023 के प्रथम 5 दिन. तो आइए बताते हैं आपको पद्म पुराण के कुछ सरल, दुर्लभ एवं अचूक उपायों के बारे में.
सबसे पहले तो सूर्य के उदय से पहले उठकर नित्यकर्म करके भगवान सूर्य को दही-चिवड़े का भोग लगाना चाहिए, ऐसा करने से भगवान सूर्य नारायण मनचाहे फल की प्राप्ति कराते हैं.
सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति के धन, यश, विद्या, बुद्धि, तेज एवं बल की उन्नति होती है.
इसके अलावा संभव हो तो व्यक्ति को पांचों दिन का उपवास कर केवल और केवल तिल गुड़ का ही सेवन करना चाहिए, ऐसा करने से व्यक्ति के ऐश्वर्य, धन, सम्पदा और कीर्ति की वृद्धि होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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