विज्ञापन
Story ProgressBack

निर्जला एकादशी का रख रहे हैं व्रत तो जानें इस व्रत से जुड़ी कथा, व्रत हो जाएगा सफल

साल की सबसे बड़ी एकादशी में से एक है निर्जला एकादशी जो इस साल 18 जून, मंगलवार के दिन पड़ रही है. ऐसे में जानिए व्रत का महत्व और व्रत कथा.

Read Time: 3 mins
निर्जला एकादशी का रख रहे हैं व्रत तो जानें इस व्रत से जुड़ी कथा, व्रत हो जाएगा सफल
निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं.
नई दिल्ली:

सालभर में 24 एकादशी आती हैं, 12 शुक्ल पक्ष की और 12 कृष्ण पक्ष की और हर एकादशी का खास महत्व होता है. लेकिन, शास्त्रों में निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) को मोक्ष देने वाली एकादशी कहा जाता है, इसे भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन व्रत करने के अलावा गंगा में स्नान करने और दान करने का विशेष महत्व होता है. इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून 2024, मंगलवार के दिन रखा जाएगा. ऐसे में आप कैसे निर्जला एकादशी का व्रत करें और इसकी व्रत कथा (Vrat Katha) क्या है जानें यहां. 

निर्जला एकादशी पर बन रहे हैं 3 शुभ योग, कुछ कामों को करने से बचना है जरूरी

निर्जला एकादशी पर जानें व्रत कथा 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब वेदव्यास ने पांडवों को धर्म, अर्थ, कर्म और मोक्ष देने वाली एकादशी व्रत का संकल्प कराया था तब युधिष्ठिर ने पूछा था ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में जो एकादशी है उसके बारे में विस्तार से बताइए. इस पर भगवान श्री कृष्ण ने कहा हे! राजन, इस बारे में परम धर्मात्मा व्यास जी बताएंगे. तब व्यास जी ने बताया कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी में भोजन नहीं किया जाता है और उसके अगले दिन द्वादश तिथि को स्नान करके पवित्र होकर फूलों से भगवान केशव की पूजा की जाती है. पहले ब्राह्मण को भोजन कराकर बाद में खुद भोजन किया जाता है. 

इस पर भीमसेन बोले- पितामह मैं आपके सामने सच कहता हूं मुझसे एक बार भोजन करके भी व्रत नहीं किया जा सकता, तो फिर उपवास करके मैं कैसे रह सकता हूं. मैं पूरे साल में केवल एक ही उपवास कर सकता हूं, जिससे स्वर्ग की प्राप्ति हो, अगर ऐसा कोई व्रत है तो बताएं. इस पर व्यास जी ने कहा ज्येष्ठ माह में सूर्य वृष राशि पर हो या मिथुन राशि पर शुक्ल पक्ष में जो एकादशी आती है, उस पर निर्जला व्रत करें. एकादशी तिथि पर सूर्योदय से लेकर दूसरे दिन के सूर्योदय तक जल नहीं पिएं, तब यह व्रत पूरा होगा. इसके बाद द्वादश तिथि को स्नान करके ब्राह्मणों को विधिपूर्वक जल और सुवर्ण का दान करें. इस तरह से अगर आप केवल निर्जला एकादशी का व्रत करते हैं, तो इससे सालभर में जितनी भी एकादशी तिथि होती है उसका फल प्राप्त होता है. उन्होंने कहा कि जिस भी व्यक्ति ने श्री हरि (Lord Vishnu) की पूजा और रात में जागरण करते हुए इस निर्जला एकादशी का व्रत किया उन्हें अपने साथ-साथ पिछली 100 पीढ़ियों को और आने वाली 100 पीढ़ियों को भगवान वासुदेव के परम धाम में पहुंचा दिया है. कहते हैं कि जो व्यक्ति इस एकादशी पर सच्चे मन से व्रत करता है वो स्वर्ग लोक में जाता है. 

ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष में जो शुभ एकादशी होती है उसका निर्जला व्रत करना चाहिए. उस दिन ब्राह्मणों को शक्कर के साथ जल के घड़े दान करने चाहिए. ऐसा करने से मनुष्य भगवान विष्णु के समीप पहुंच सकता है. द्वादश तिथि को ब्राह्मणों का भोजन करने के बाद खुद भोजन ग्रहण करें. इस तरह से व्रत का संकल्प लेने से और व्रत (Ekadashi Vrat) करने से सभी पापों का नाश हो जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

Nutritionist के बताए 10 आसान Tips से कभी नहीं बढ़ेगा घटाया हुआ वजन

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को जरूर लगाएं इन 3 चीजों का भोग, श्री हरि के साथ माता लक्ष्मी की भी प्राप्त होगी कृपा
निर्जला एकादशी का रख रहे हैं व्रत तो जानें इस व्रत से जुड़ी कथा, व्रत हो जाएगा सफल
निर्जला एकादशी पर बन रहे हैं 3 शुभ योग, कुछ कामों को करने से बचना है जरूरी
Next Article
निर्जला एकादशी पर बन रहे हैं 3 शुभ योग, कुछ कामों को करने से बचना है जरूरी
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;