Navratri 2021 Hawan Vidhi: आज शरदीय नवरात्रि 2021 की अष्टमी तिथि है। इसे महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी कहा जाता है। आश्विन शुक्ल अष्टमी को मां महागौरी की विधिपूर्वक आराधना की जाती है और व्रत रखा जाता है। देश के कई स्थानों पर आज दुर्गा अष्टमी के दिन ही नवरात्रि का हवन होता है। नवरात्रि का हवन महानवमी और दशमी को भी किया जाता है। दुर्गा अष्टमी और महानवमी के दिन कन्या का पूजन भी होता है। यदि आपके घर पर आज दुर्गा अष्टमी के अवसर पर ही नवरात्रि हवन होता है तो आज हम आपको नवरात्रि हवन की सामग्री, मंत्र और हवन की पूरी विधि बता रहे हैं। इसके अनुसार आप दुर्गा अष्टमी की हवन कर सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
हवन साम्रगी
- एक गोला या सूखा नारियल.
- लाल रंग का कपड़ा या कलावा.
- एक हवन कुंड और सूखी लकड़ियां, जिनमें आम की लकड़ी, तना और पत्ता, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, चंदन की लकड़ी, बेल, नीम, पीपल का तना और छाल, गूलर की छाल और पलाश शामिल हैं.
- काला तिल.
- कपूर.
- चावल.
- गाय का घी.
- लौंग.
- लोभान.
- इलायची.
- गुग्गुल.
- जौ.
- शक्कर.
Navratri 2021: जानें हवन का शुभ मुहूर्त और सावधानियां
हवन मंत्र
- ओम आग्नेय नम: स्वाहा
- ओम गणेशाय नम: स्वाहा
- ओम गौरियाय नम: स्वाहा
- ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा
- ओम दुर्गाय नम: स्वाहा
- ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा
- ओम हनुमते नम: स्वाहा
- ओम भैरवाय नम: स्वाहा
- ओम कुल देवताय नम: स्वाहा
- ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा
- ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा
- ओम विष्णुवे नम: स्वाहा
- ओम शिवाय नम: स्वाहा
- ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा
- स्वधा नमस्तुति स्वाहा।
- ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा।
- ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।
- ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।
Navratri 2021: दुर्गा अष्टमी पर कैसे करें नवरात्रि हवन? जानें पूरी विधि, सामग्री एवं मंत्र
हवन विधि
आरती के बाद हवन सामग्री अपने पास रखें. कपूर से आम की सूखी लकड़ियों को जला लें. अग्नि प्रज्ज्वलित होने पर हवन सामग्री की आहुति दें. आखिर में सूखे नारियल में लाल वस्त्र या फिर कलावा बाधें. अब पान, सुपारी, लौंग, बतासा, पूरी, खीर आदि उसके शीर्ष पर स्थापित करें. इसके बाद उसको हवन कुंड में बीचोबीच रखें. अब जो भी हवन सामग्री बची है, उसे इस मंत्र के साथ एक बार में आहुति दें. 'ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा'.
अब अंत में मां दुर्गा को दक्षिणा दें, अपने सामर्थ्य के अनुरुप रुपये आदि वहां रख दें. अंत में मां दुर्गा की आरती और मां महागौरी की आरती करें. इस तरह से दुर्गा अष्टमी और महानवमी का हवन पूर्ण होता है.
बीज मंत्र: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
अन्य मंत्र: माहेश्वरी वृष आरूढ़ कौमारी शिखिवाहना।
श्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृष वाहना।।
ओम देवी महागौर्यै नमः।
उत्तर प्रदेश के मु्ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्गा अष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए 'कू' (Koo App) किया, 'हे मां! सभी प्रदेशवासियों पर आपकी कृपा बनी रहे. यही प्रार्थना, यही कामना है.'
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