चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है. इस बार नवरात्रि 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक चलेंगे, मां चंद्रघंटा 8 अप्रैल को पूजी जाएंगी. इन पूरे नौ दिनों में हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होगी. यह हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है. माता की पूजा के अलावा चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन को राम जी के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है. इसे राम नवमी भी बोलते हैं. चैत्र नवरात्रि को राम नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. यहां जानिए मां चंद्रघंटा के बारे में कुछ खास बातें.
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1. मां चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार का आधा चांद बना है, इसी वजह से इन्हें चंद्रघंटा कहते हैं.
2. मां चंद्रघंटा का रूप सोने की तरह चमकीला होता है. हाथ दस होते हैं और सभी में शस्त्र और बाण पकड़े हुए दिखती हैं. सिंह इनकी सवारी होता है.
3. मां चंद्रघंटा को सुगंध प्रिय है. इसलिए इनका पूजन करते समय फूल और इत्र चढ़ाएं.
4. मां चंद्रघंटा का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
5. मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों के कष्ट हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं.
बता दें, नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्माण्डा, पांचवे दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नौवें दिन सिद्धिदात्री को पूजा जाता है. इसी के साथ नौवें दिन राम जी की पूजा भी करते हैं.
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