मां कात्यायनी
नई दिल्ली:
मां दुर्गा का छठा रूप है माता कात्यायनी (katyayni). इन्हें खासकर शादी की बाधाएं रोकने वाली माता कहा जाता है. मान्यता है कि जिस भी लड़की की शादी में बाधा आ रही होती है, उन्हें मां कात्यायनी की खास पूजा करनी चाहिए. वहीं, एक और कथा के अनुसार कात्यायिनी की उत्पत्ति राक्षस महिषासुर का वध करने के लिए हुई. क्योंकि इस राक्षस के पास ब्रह्मा जी से वरदान था कि इसे स्त्री के अलावा कोई और नहीं मार सकता. यहां जानिए मां कात्यायनी से जुड़ी आरती और रूप के बारे में.
कौन हैं मां कात्यायनी
मां कात्यायनी महर्षि कात्यायन भी पुत्री हैं. इन महर्षि की कोई संतान नहीं थी. संतान प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर तपस्या की. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर मां दुर्गा ने उनके घर मां कात्ययनी रूप में जन्म लिया.
मां कात्यायनी का रूप
सिंह पर सवार दस भुजाएं, सभी हाथों में शस्र और महिषासुर को त्रिशूल से लहूलुहान करने वाला मां कात्यायनी का चित्र बेहद प्रसिद्ध है. इस रूप कोआपने कई पोस्टरों या कैलेंडरों में भी देखा होगा.
कैसे करें कात्यायनी माता की पूजा
मां कात्यायनी की पूजा करते वक्त लाल वस्त्र धारण करें और माता को पूजा के दौरान भी लाल रंग के खूशबू वाले फूल ही अर्पित करें. इसके अलावा हल्दी और शहद भी चढ़ाएं. मान्यता है कि मां कात्यायनी की उपासना करने से भक्तों को बेहद आसानी से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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कात्यायनी माता की आरती
जय जय अम्बे जय कात्यानी
जय जगमाता जग की महारानी
बैजनाथ स्थान तुम्हारा
वहा वरदाती नाम पुकारा
कई नाम है कई धाम है
यह स्थान भी तो सुखधाम है
हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी
हर जगह उत्सव होते रहते
हर मंदिर में भगत है कहते
कत्यानी रक्षक काया की
ग्रंथि काटे मोह माया की
झूठे मोह से छुडाने वाली
अपना नाम जपाने वाली
ब्रेह्स्पतिवार को पूजा करिए
ध्यान कात्यानी का धरिये
हर संकट को दूर करेगी
भंडारे भरपूर करेगी
जो भी माँ को 'चमन' पु
मां दुर्गा के 9 रंग, जानिए कन्या पूजन और नवरात्रि के आखिरी दिन पहनें कौन-सा कलर
कौन हैं मां कात्यायनी
मां कात्यायनी महर्षि कात्यायन भी पुत्री हैं. इन महर्षि की कोई संतान नहीं थी. संतान प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर तपस्या की. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर मां दुर्गा ने उनके घर मां कात्ययनी रूप में जन्म लिया.
मां कात्यायनी का रूप
सिंह पर सवार दस भुजाएं, सभी हाथों में शस्र और महिषासुर को त्रिशूल से लहूलुहान करने वाला मां कात्यायनी का चित्र बेहद प्रसिद्ध है. इस रूप कोआपने कई पोस्टरों या कैलेंडरों में भी देखा होगा.
कैसे करें कात्यायनी माता की पूजा
मां कात्यायनी की पूजा करते वक्त लाल वस्त्र धारण करें और माता को पूजा के दौरान भी लाल रंग के खूशबू वाले फूल ही अर्पित करें. इसके अलावा हल्दी और शहद भी चढ़ाएं. मान्यता है कि मां कात्यायनी की उपासना करने से भक्तों को बेहद आसानी से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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जय जगमाता जग की महारानी
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कई नाम है कई धाम है
यह स्थान भी तो सुखधाम है
हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी
हर जगह उत्सव होते रहते
हर मंदिर में भगत है कहते
कत्यानी रक्षक काया की
ग्रंथि काटे मोह माया की
झूठे मोह से छुडाने वाली
अपना नाम जपाने वाली
ब्रेह्स्पतिवार को पूजा करिए
ध्यान कात्यानी का धरिये
हर संकट को दूर करेगी
भंडारे भरपूर करेगी
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