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This Article is From Jun 06, 2024

प्रबल शुभ योग है... जानें यहां नरेंद्र मोदी की शपथ के लिए 9 जून का दिन सबसे उत्तम क्यों बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य 

प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने का दिन बदलकर अब 9 जून, रविवार कर दिया गया है. तिथि के बदलाव को लेकर ज्योतिष का कहना है कि इसके पीछे रविवार को बन रहा प्रबल शुभ मुहूर्त है.

प्रबल शुभ योग है... जानें यहां नरेंद्र मोदी की शपथ के लिए 9 जून का दिन सबसे उत्तम क्यों बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य 
रविवार के दिन शपथ लेने वाले हैं मोदी. 

Astrology: मोदी सरकार 3.0 में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अब 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं. सूत्रों के मुताबिक मोदी 8 जून, शनिवार के दिन शपथ लेने वाले थे लेकिन अब यह दिन बदलकर 9 जून कर दिया गया है. ज्योतिष के अनुसार, तारीख बदलने की वजह 9 जून के दिन पड़ने वाला प्रबल शुभ योग हो सकता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित के अनुसार, 9 जून, 2024 ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि (विक्रमी संवत् 2081) दिन रविवार है. यह दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ (Oath) लेने के लिए बेहद शुभ माना जा रहा है. 

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ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित का कहना है कि पुनर्वसु नक्षत्र में नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. पहले सूत्रों के अनुसार 8 जून को शपथ होनी थी लेकिन इस तिथि को बदलकर अब 9 जून, रविवार कर दिया गया है. 

ज्योतिषाचार्य  का कहना है कि 9 जून दिन रविवार सूर्य का दिन है और सूर्य ही शासन सत्ता को चलाते हैं. ज्योतिषशास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है और शासन सत्ता का कारक भी. अंक ज्योतिष के अनुसार 9 अंक मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और मंगल ऊर्जा का कारक है. जब सूर्य और मंगल दोनों को मिलाकर नयी सरकार (New Government) का गठन किया जाएगा तो निश्चित ही सरकार देश और दुनिया में सफलता प्राप्त करेगी. साथ ही, मोदी भगवान श्री राम के अनन्य भक्त हैं और उस दिन पुनर्वसु नक्षत्र है, प्रभु श्री राम का जन्म भी पुनर्वसु नक्षत्र में ही हुआ था. पुनर्वसु नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है. इस नक्षत्र में जिसका जन्म होता है, वे लोग दूसरों की सेवा करने, भलाई करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. निश्चित रूप से पुनर्वसु नक्षत्र में शपथ ग्रहण होने से सरकार इस देश की जनता की भलाई और सेवा में तत्पर रहेगी.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शपथ ग्रहण के लिए चतुर्थ, नवम, अमावस्या, चतुर्दशी या पूर्णिमा का दिन नहीं होना चाहिए. वहीं, शुभ नक्षत्रों की बात करें तो रोहिणी, पुष्य, अनुराधा, ज्येष्ठा, मृगशिरा, श्रवण, उत्तराषाढ़ा, रेवती, उत्तराभाद्रपद और अश्विनी नक्षत्र को बेहद शुभ माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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