Mokshada Ekadashi Date, Importance, Vrat Niyam: मार्गशीर्ष महीने की मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने के दोनों पक्षों की एकादशी तिथि पर व्रत रखने का विधान है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. साल भर में पड़ने वाली 24 एकादशी का अपना अलग-अलग महत्व और प्रभाव है. मोक्षदा एकादशी का व्रत दिसंबर महीने में 3 तारीख को रखा जाएगा. धार्मिक मान्यता है कि इस एकादशी का विधिवत व्रत रखने और पूजन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं मोक्षदा एकादशी व्रत में किन नियमों का पालन करना जरूरी होता है.
मोक्षदा एकादशी व्रत-नियम | Mokshada Ekadashi Vrat Niyam
एकादशी तिथि से एक दिन पहले यानी दशमी तिथि के दिन से ही एकादशी व्रत के नियमों जैसे लहसुन-प्याज, मांस-मछली, चुगली आदि कर्मो का त्याग करते हुए नीचे दिए गए कुछ और अनिवार्य नियमों का पालन करना चाहिए.
व्रत से एक दिन पहले यानी दशमी से ही चावल, लहसुन, प्याज, मांस और अशुद्ध भोजन का त्याग कर देना चाहिए.
मोक्षदा एकादशी व्रत के दौरान पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें.
एकादशी व्रत के दिन अपना व्यवहार और आचरण सही रखें.
व्रत की अवधि में कम बोलें और किसी की चुगली करने से खुद को बचाएं.
व्रत के दिन पेड़ से स्वतः गिरे आम या जामुन के पत्तों को चबाकर अंगुली से कंठ साफ करें.
घर में झाड़ू नहीं लगानी चाहिए या ऐसे उपकरणों का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए जिससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय हो.
इस दिन बाल भी नहीं कटवाने चाहिए न किसी की निंदा करनी चाहिए यदि भूलवश ऐसा हो जाता है तो उसी क्षण सूर्य भगवान के दर्शन कर श्रीहरि का पूजन करके क्षमा याचना करनी चाहिए.
एकादशी के दिन जुआ, शराब, हिंसा, निंदा, चोरी, मैथुन, क्रोध, झूठ व कपटादि अन्य बुरे कर्मो से दूर रहना चाहिए.
एकादशी के दिन दान का विशेष महत्व है. ऐसे में अपने सामर्थ्य के अनुसार इस दिन दान या अन्नदान जरूर करें.
मोक्षदा एकादशी व्रत मुहूर्त | Mokshada Ekadashi Vrat Muhurat
मोक्षदा एकादशी पारणा मुहूर्त - 13:13:37 से 15:18:44 तक 4, दिसंबर
हरि वासर समाप्त होने का समय- 11:42:39 पर 4, दिसंबर को
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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