
Pitru shanti upay : सूर्य देव जब मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस ज्योतिषीय घटना को मिथुन संक्रांति कहते हैं. यह दिन दान पुण्य के लिए बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन किए गए दान से जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है. साथ ही पितर प्रसन्न होते हैं और दोष भी दूर होता है. यह दिन पितरों के तर्पण के लिए भी अच्छा माना जाता है. इस साल मिथुन संक्रांति 15 जून को मनाई जाएगी. ऐसे में आइए जानते हैं, इस मिथुन संक्रांति के दिन कौन से खास काम करने से पितर प्रसन्न होते हैं और दोष दूर होता है.
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मिथुन संक्रांति को क्या करें - what to do on mithun sankranti
इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है. अगर आप किसी नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो फिर आप घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल की बूंदें मिलाकर स्नान करें.
स्नान के बाद, दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके अपने पितरों का ध्यान करते हुए तर्पण करिए. फिर हाथ में जल, काले तिल और जौ लेकर अपने पितरों का स्मरण करिए.
इसके बाद आप अपने गोत्र का नाम लीजिए और गोत्रे अस्माकं वसुरूपणाम् श्राद्धं तिलोदकम् दातुं नमः' मंत्र का उच्चारण करते हुए जल को अंगूठे और तर्जनी के बीच के भाग से धीरे-धीरे गिराएं. यह भी पितरों को प्रसन्न कर सकता है.
आप तर्पण कम से कम 3 बार करिए. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. वहीं, इस दिन आप सूर्योदय को जल अर्पित करते समय उसमें काला तिल मिलाकर अर्घ्य दीजिए.
साथ ही इस दिन आप पितरों को खुश करने के लिए अन्न का भी दान कर सकते हैं. आप पका भोजन भी किसी जरूरतमंद को दान कर सकते हैं. इससे घर परिवार में खुशहाली बनी रहती है.
इस दिन आप काले तिल का भी दान कर सकते हैं. इससे शनि दोष भी दूर होता है. यह पितरों को मोक्ष प्राप्ति दिलाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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