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Mithun Sankranti 2025: आज है मिथुन संक्रांति, जानिए किस तरह करें सूर्य देव की पूजा

Mithun Sankranti Puja: मिथुन संक्रांति पर मान्यतानुसार सूर्य देव की पूजा की जाती है. कहते हैं इस दिन पूरे मनोभाव से पूजा संपन्न की जाए तो आरोग्य का वरदान मिलता है. 

Mithun Sankranti 2025: आज है मिथुन संक्रांति, जानिए किस तरह करें सूर्य देव की पूजा
Surya Dev Puja: आज है मिथुन संक्रांति का मंगलमय दिन. 

Mithun Sankranti 2025: मिथुन संक्रांति को छह मुख वाली संक्रांति भी कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य देव राशी परिवर्तन करते हैं. मिथुन संक्रांति पर सूर्य का मिथुन राशि में परिवर्तन होता है. 15 जून यानी आज सूर्य का राशि गोचर होने जा रहा है. रविवार के दिन को सूर्य देव (Surya Dev) को समर्पित किया गया है और इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है. ऐसे में रविवार को ही मिथुन संक्रांति होना विशेष योग बना रहा है. मिथुन संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा करने के साथ ही पवित्र नदी में स्नान करना भी बेहद शुभ होता है. कहते हैं संक्रांति पर पूजा करने पर आरोग्य का वरदान मिलता है, उम्र बढ़ती है और पितृ दोष से छुटकारा मिल सकता है. यहां जानिए आज कौन-कौनसे शुभ योग बन रहे हैं और किस तरह सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जा सकती है. 

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मिथुन संक्रांति पर बन रहे हैं शुभ योग

मिथुन संक्रांति पर सुबह 6 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 29 मिनट तक पुण्य काल रहने वाला है. वहीं सुबह 6 बजकर 53 मिनट से सुबह 9 बजकर 12 मिनट तक महापुण्य काल रहने वाला है. इन दोनों ही कालों में पूजा करना बेहद शुभ होता है. आज इंद्र योग का भी संयोग बनने वाला है. दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर इंद्र योग बनेगा.

मिथुन संक्रांति पर आज शिव वास योग बनने जा रहा है. आज दोपहर 3 बजकर 51 मिनट तक महादेव कैलाश पर विराजमान रहेंगे. 

मिथुन संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा 

मिथुन संक्रांति के दिन सुबह उठकर पवित्र नदी में स्नान करना शुभ होता है. जो लोग नदी में जाकर स्नान नहीं कर सकते हैं वे घर पर ही बाल्टी में गंगाजल डालकर नहा सकते हैं. इसके पश्चात सूर्य देव का ध्यान किया जाता है. सूर्य देव की पूजा (Surya Dev Puja) करने के लिए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है, सूर्य देव के मंत्रों का जाप किया जाता है, पितरों का ध्यान किया जाता है और दान करके पूजा का समापन होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना भी शुभ होता है. सिलबट्टे को भी इस दिन पूजने का विधान है. पितरों का तर्पण करने के लिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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