मौनी आमावस्या पर लाखों लोगों ने लगाई संगम में डुबकी
नई दिल्ली:
आज सुबह से कल 17 जनवरी सुबह 7 बजकर 47 मिनट तक मौनी अमावस्या का मुहूर्त रहेगा. यह माघ महीने में आने वाली पहली अमावस है, जिसे मौनी अमावस्या नाम से जाना जाता है. इस अमावस्या की खास बात है कि इस दिन मौन रहकर पूजा-पाठ और व्रत किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से देवताओं से पुण्य की प्राप्ति होती है और पितरों को शांति मिलती है.
मौनी अमावस्या 2018: इस दिन क्यों रहते हैं मौन, जानें पूजा विधि, मंत्र, शुभ मुहूर्त और महत्व
उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी इलाहाबाद में इस मौके पर सुबह संगम में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. इलाहाबाद प्रशासन के मुताबिक, अनुमान है कि इस अवसर पर लगभग दो करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे.
जानिए कैसे एक छोटा-सा चूहा बना भगवान गणेश की सवारी
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी, आनंद गिरी सहित कई अखाड़ों के संतों ने भी संगम में आस्था की डुबकी लगाई.
गौरतलब है कि मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान व दान पुण्य का खास महत्व है. स्नान के बाद तर्पण से पूवजरें को शांति मिलती है.
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प्रशासन के मुताबिक, मंगलवार को दिन में करीब दो करोड़ श्रद्धालुओं के संगम में स्नान की उम्मीद है. मौनी अमावस्या के पर्व को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा की व्यापक तैयारी भी की है.
उल्लेखनीय है कि स्नान का मुहूर्त सुबह 4.52 मिनट से बुधवार सुबह 7.04 बजे तक रहेगा.
INPUT - IANS
देखें वीडियो - मौनी अमावस्या पर तीन करोड़ श्रद्धालु लगाएंगे डुबकी
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उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी इलाहाबाद में इस मौके पर सुबह संगम में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. इलाहाबाद प्रशासन के मुताबिक, अनुमान है कि इस अवसर पर लगभग दो करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे.
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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी, आनंद गिरी सहित कई अखाड़ों के संतों ने भी संगम में आस्था की डुबकी लगाई.
गौरतलब है कि मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान व दान पुण्य का खास महत्व है. स्नान के बाद तर्पण से पूवजरें को शांति मिलती है.
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प्रशासन के मुताबिक, मंगलवार को दिन में करीब दो करोड़ श्रद्धालुओं के संगम में स्नान की उम्मीद है. मौनी अमावस्या के पर्व को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा की व्यापक तैयारी भी की है.
उल्लेखनीय है कि स्नान का मुहूर्त सुबह 4.52 मिनट से बुधवार सुबह 7.04 बजे तक रहेगा.
INPUT - IANS
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