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Mangal Dev: कहां है भूमिपुत्र कहलाने वाले मंगल देवता का मंदिर? जानें उनकी पूजा का महाउपाय

Mangal Devta ka Mandir: ज्योतिष में जिस ग्रह को सेनापति का दर्जा दिया गया है, उस मंगल देवता का मंदिर आखिर कहां हैं? कुंडली में मंगल दोष होने पर आखिर किसी इंसान को क्या परेशानियां होती हैं? मंगल देवता की पूजा और उनसे जुड़े सरल सनातनी उपाय के बारे में जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

Mangal Dev: कहां है भूमिपुत्र कहलाने वाले मंगल देवता का मंदिर? जानें उनकी पूजा का महाउपाय
Mangal Dev Ka Mandir : भूमिपुत्र मंगल देवता की पूजा के उपाय
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Mangal Devta Ki Puja Ke Upay: सनातन परंपरा में जिस मंगल देवता को भूमिपुत्र कहा गया है, उसे ज्योतिष में सेनापति का दर्जा दिया गया है. ज्योतिष के अनुसार किसी भी इंसान की कुंडली में मंगल ग्रह उस व्यक्ति की ऊर्जा, साहस और पराक्रम का कारक होता है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल बली होकर शुभ फल देता है तो व्यक्ति अपने अपने बल पर धन, मान-सम्मान आदि सबकुछ प्राप्त करता है, लेकिन कमजोर होने पर उसे तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

मंगल दोष होने पर व्यक्ति अक्सर चिड़चिड़ा होता है और उसके रिश्ते अपने भाई-बहनों के साथ अच्छे नहीं होते हैं. उसे भूमि-भवन या फिर पैतृक संपत्ति से जुड़े विवाद आदि के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर तक लगाने पड़ते हैं. विवाह में विलंब होने का कारण भी मंगल बनता है. ज्योतिष शास्त्र में इसी मंगल दोष को दूर करने के लिए मंगल देवता के दर्शन और पूजन का महाउपाय बताया गया है. आइए जानते हैं कि आखिर भूमिपुत्र मंगल देवता का मंदिर कहां है और किस उपाय को करने से वे शीघ्र ही प्रसन्न होकर जीवन में सब मंगल ही मंगल करते हैं.

कहां पर है मंगल देवता का मंदिर?

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Photo Credit: facebook@mangalnath_mandir_ujjain

व्यक्ति के जीवन में ऊर्जा, साहस और पराक्रम के कारक माने जाने वाले मंगल देवता का मंदिर सप्तपुरियों में से एक उज्जैन नगरी में स्थित है. महाकाल की नगरी में मंगल देवता ​भी शिवलिंग के समान पूजे जाते हैं. जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, वे सभी लोग यहां पर प्रत्येक मंगलवार के दिन विशेष रूप से उनके दर्शन और पूजन के लिए पहुंचते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार पृथ्वी पर यह एकमात्र मंगल देवता का मंदिर है, जहां पर मंगल देव का प्राकट्य हुआ था. मंगल देवता की यहां पर विशेष रूप से भात पूजा का विधान है. जिसे करने पर कुंडली का मंगल दोष दूर होता है.

मंगल के सरल सनातनी उपाय

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  • यदि कुंडली में मंगल दोष हो तो उसे दूर करने और मंगल देवता का आशीर्वाद पाने के लिए व्यक्ति को मंगलवार के दिन मंगल देवता के मंत्र 'ॐ अं अंगारकाय नमः' अथवा 'ॐ क्रां क्रीं क्रों सः भौमाय नमः' का कम से कम एक माला जप अवश्य करना चाहिए.
  • यदि आपको मंगल दोष के कारण कर्ज की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है तो आपको उससे मुक्ति पाने के लिए मंगलवार के दिन विशेष रूप से मंगल देव की पूजा करते हुए ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.

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  • मंगलवार के दिन संकटमोचन हनुमान जी की पूजा करने से भी मंगल दोष दूर होता है और उसके शुभ फल प्राप्त होते हैं.
  • मंगल दोष को दूर करने और उसकी शुभता को पाने के लिए मंगलवार के दिन मंगल से जुड़ी वस्तुऐं जैसे लाल मसूर की दाल, तांबा, गुड़ आदि का दान करना चाहिए.
  • मंगल ग्रह की शुभता को पाने के लिए आप किसी ज्योतिषी से राय लेकर उचित भार वाला मूंगा सोने की अंगूठी में जड़वाकर अनामिका उंगली में धारण कर सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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