Shivratri 2019: महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2019) भगवान शिव का सबसे बड़ा पर्व है. इसी वजह से कोई भी भक्त किसी भी तरह भोलेनाथ की सेवा में कमी नहीं छोड़ना चाहता. शिव शंकर को खुश करने के लिए अपनी पूजा-अर्चना से लेकर पवित्र नदियों में स्नान तक, सबकुछ करता है. लेकिन जिन भक्तों के पास वक्त की कमी होती है, वो हर बार निराश हो जाते हैं. क्योंकि वह अपने शिव की विधिवत पूजा नहीं कर पाते. अगर आप भी ऐसे ही भक्तों की लिस्ट में शामिल हैं जिनके पास अपने काम के चलने घंटों की पूजा करने का वक्त नहीं, तो आप यहां दी गई महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) की पूजा की आसान और मिनटों में की जाने वाली पूजा-विधि देखें. आपको बता दें, इस बार महाशिवरात्रि 4 मार्च, सोमवार (Monday, 4 March Maha Shivaratri 2019) को है.
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को क्यों चढ़ाते हैं बेल पत्र?
महाशिवरात्रि की सरल पूजा-विधि (Mahashivratri Easy Puja Vidhi)
1. सबसे पहले सुबह नहाकर शरीर को शुद्ध करें या फिर हाथ-मुंह धोकर कुल्ला करें.
2. घर के मंदिर के आसन पर बैठें.
3. मंदिर में रखे दीपक को जलाएं और पूजा का संकल्प लें.
4. सबसे पहले भगवान गणेश और माता पार्वती का ध्यान करें.
5. अब भगवान शिव का पूजन करते हुए उनकी प्रतिमा को एक थाली में बिठाएं.
Shivratri 2019: क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि?
6. शिव की प्रतिमा को पहले गंगाजल स्नान, दही स्नान, घी-स्नान और फिर शहद से स्नान कराएं.
7. इसके बाद शिव पर पंचामृत स्नान कराएं.
8. अब भगवान शिव पर वस्त्र, फूल, इत्र, माला और बेल पत्र चढ़ाएं.
9. अब शिव शंकर को नैवेद्य (भोग) लगाएं.
10. अब पान और दक्षिणा चढ़ाकर शिव आरती (शिव आरती नीचे दी गई है) करें.
11. आखिर में भगवान शिव से क्षमा-याचना करें.
Maha Shivratri 2019: महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि, महत्व और व्रत कथा
शिव आरती
ॐ जय शिव ओंकारा....
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे|
हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
दो भुज चारु चतुर्भज दस भुज अति सोहें|
तीनों रुप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
अक्षमाला, बनमाला, रुण्ड़मालाधारी|
चंदन, मृदमग सोहें, भाले शशिधारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा....
श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें|
सनकादिक, ब्रम्हादिक, भूतादिक संगें||
ॐ जय शिव ओंकारा...
कर के मध्य कमड़ंल चक्र, त्रिशूल धरता|
जगकर्ता, जगभर्ता, जगसंहारकर्ता॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका|
प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों एका॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी|
नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें|
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
VIDEO: कश्मीर - शिवरात्रि में शामिल हुए स्थानीय मुस्लिम
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