विज्ञापन

मान्यता है प्रदोष व्रत में इस स्तोत्र का पाठ करने से मिलता है भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद

Shiv Lingastakam Stotra : प्रदोष व्रत में लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ करने से भोलेनाथ और देवी पार्वती की साधक पर आशीर्वाद बना रहता है और जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं... 

मान्यता है प्रदोष व्रत में इस स्तोत्र का पाठ करने से मिलता है भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद

Magh pradosh vrat 2025 : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इसमें पूजा शाम के समय प्रदोष काल में की जाती है. माना जाता है कि यह उपवास करने और शिव-पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. इसके अलावा प्रदोष व्रत में लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ करने से भोलेनाथ और देवी पार्वती की साधक पर आशीर्वाद बना रहता है और जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं... 

महाकुंभ में नजर आने वाले नागा साधु क्यों पहनते हैं गले में रुद्राक्ष की मालाएं और शरीर पर लगाते हैं भभूत, जानिए यहां...

लिंगाष्टकम स्तोत्र - Shiv Lingastakam Stotra

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् ।
जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥


देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।
रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥
सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् ।
सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥
कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् ।
दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥४॥
कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् ।
सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥५॥
देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् ।
दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥६॥
अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् ।
अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥७॥
सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम् ।
परात्परं परमात्मकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥८॥
लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥

लिंगाष्टकम स्तोत्र के अलावा आप इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं...

भगवान शिव का गायत्री मंत्र - Lord shiva gaytri mantra

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

महामृत्युंजय मंत्र - Mahamrityunjay mantra

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव ध्यान मंत्र - Shiv dhyan mantra

करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा । श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं । विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व । जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥

रुद्र मंत्र - Lord shiva rudra mantra's

ॐ नमो भगवते रुद्राये।।

शिव जी का पंचाक्षरी मंत्र - Shiva's five letter mantra

नम: शिवाय

इन मत्रों को भी जप सकते हैं

ॐ हौं जूं सः ।।
श्री महेश्वराय नम:।।
श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
श्री रुद्राय नम:।।
ॐ नमो नीलकण्ठाय नम:।।


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: