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This Article is From Sep 10, 2023

Karwa Chauth 2023: नवंबर में इस दिन है करवा चौथ का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और सही तिथि

Karwa Chauth: हर सुहागिन महिला के लिए करवा चौथ का दिन बेहद खास होता है. इस दिन वे अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं और व्रत रखती हैं. आइए जानते हैं इस साल करवा चौथ कब है.

Karwa Chauth 2023: नवंबर में इस दिन है करवा चौथ का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और सही तिथि
Karwa Chauth 2023: इस दिन रखें करवा चौथ का व्रत

Karwa Chauth Vrat: हिन्दू धर्म में करवा चौथ का व्रत खासतौर से महिलाएं करती हैं. हर विवाहित महिला (Married Women) अपने पति की लंबी उम्र और उनकी तरक्की के लिए इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करती हैं. इस दिन वे निर्जला रहकर अपने पति के लिए व्रत रकती हैं. करवा चौथ हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस साल करवा चौथ का ये त्योहार नवंबर (November) महीने के इस दिन को मनाया जाएगा.

2023 करवा चौथ तिथि (2023 Karwa Chauth Date)

2023 में कार्तिक (Kartik) महीने के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की चतुर्थी तिथि (Chaturthi Tithi) दो दिन पड़ी है. इस तिथि की शुरूआत 31 अक्टूबर 2023 को रात 9:30 बजे से होगी, जो 1 नवंबर 2023 को रात 9:19 बजे समाप्त होगी. अगर उदया तिथि (Udaya Tithi) की मानी जाए तो इस साल करवा चौथ 1 नवंबर 2023 (1 November 2023) को मनाया जाएगा. 

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करवा चौथ 2023 पूजन का शुभ मुहूर्त

उदया तिथि के अनुसार करवा चौथ (Karwa Chauth) के पूजा का शुभ समय 1 नवंबर 2023 को है. पंचाग की माने तो पूजन का शुभ समय 1 नवंबर 2023 को शाम 5:44 बजे से शुरू होकर उसी दिन शाम 7:02 बजे तक रहेगा. व्रत खोलने के लिए चंद्रोदय (Chandrodaya) का समय सगभग रात 8:26 बजे है.

क्यों रखा जाता है करवा चौथ का व्रत?

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति के लिए रखती हैं. वे भगवान से अपने पति की लंबी आयु, बरक्कत, आदि की कामना करती हैं. इस दिन व्रत की शुरूआत सरगी (Sargi) खाने से होती है जो महिला को उनकी सांस के द्वारा दिया जाता है. जिसके बाद निर्जला रहते हुए रात के समय चंद्रदेव को अर्घ्य देने के बाद अपने पति के हाथों पानी पीकर महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं. इस दिन चंद्रदेव, भगवान गणेश, माता पार्वती, माता करवा और भगवान शिव की पूजा की जाती हैं. करवा चौथ पर महिलाओं का अधिक से अधिक सजना और 16 श्रृगांर करना शुभ माना जाता हैं. (प्रस्तुति-अंकित श्वेताभ)

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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