
Kawad yatra 2025 : इस साल 11 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी. जिसमें भक्त अलग-अलग नदियों का जल भरकर अपने गृह नगर के शिवलिंग पर अर्पित करेंगे. इस यात्रा के दौरान भक्त नंगे पांव कंधे पर कांवड़िया लिए बोल बम के नारे लगाते हुए निकलते हैं. इस यात्रा में कड़े नियमों का पालन करना होता है. भक्तों को सात्विक भोजन का सेवन करना होता है, रास्ते में शिव भजन कीर्तन करते रहना होता है. साथ ही, कांवड को कहीं भी जमीन पर रखना वर्जित होता है. अगर आप मल मूत्र के लिए कहीं जा रहे हैं तो इसे किसी ऊंचे स्थान पर रखिए. वहीं, आप कांवड़ को वॉशरूम से आने के बाद कभी न छुएं. हमेशा स्नान करके बाद ही स्पर्श करें.
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किस दिन करें शिवलिंग पर जल अर्पित
ये तो बात हो गई यात्रा के नियम और कब से शुरू हो रही है. अब आते हैं कि कांवड़ यात्रा से लाया हुआ जल अपने गृह नगर में किस तिथि को अर्पित किया जाता है. यह जल मासिक शिवरात्रि के दिन शिवालय में चढ़ाया जाता है.
कब है सावन शिवरात्रि
चतुर्दशी तिथि की शुरूआत 23 जुलाई, 2025 को सुबह 4.39 पर होगी और इसका समापन 24 जुलाई, 2025 को रात 2.28 मिनट पर होगा. इसीलिए सावन माह में भोलेनाथ को जल 23 जुलाई, 2025 बुधवार के दिन चढ़ाया जाएगा.
शिव पूजन का शुभ मुहूर्त
सावन मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की विशेष पूजा रात्रि के समय की जाती है, जिसे निशिता काल कहा जाता है. इस बार पूजा का सर्वोत्तम समय 24 जुलाई को रात 12:07 मिनट से 12:48 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में कुल 41 मिनट का समय होगा, जो कि शिव पूजन और जलाभिषेक के लिए सबसे शुभ माना गया है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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