
Kalashtami 2025 : कालाष्टमी का व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस दिन काल भैरव की पूजा की जाती है, जो कि भगवान शिव का अवतार माने जाते हैं. मान्यता है इनकी पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यही कारण है, हर महीने शिव भक्त कालाष्टमी का व्रत रखते हैं. आषाढ़ महीने की कालाष्टमी की तिथि को लेकर भक्तों में बहुत कंफ्यूजन है. कोई 18 तो कोई 19 जून को व्रत रखने की बात कर रहा है. ऐसे में हम आपको यहां पर कालाष्टमी व्रत की सही तिथि क्या है, इसके बारे में बताने जा रहे हैं...
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कालाष्टमी व्रत तिथि 2025
आषाढ़ के महीने में कालाष्टमी व्रत 18 जून को रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार, 18 जून को दोपहर 1 बजकर 33 मिनट से आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ होगी. वहीं, 19 जून को सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर समाप्त. आपको बता दें कि कालाष्टमी की पूजा शाम में होती है, इसलिए कालाष्टमी का व्रत 18 जून को रखा जाएगा.
कालाष्टमी पूजा विधि - Kalashtami puja vidhi
कालाष्टमी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं और निमित्त क्रिया से मुक्त हो जाएं. फिर घर की साफ-सफाई करिए. इसके बाद आप स्वच्छ वस्त्र धारण करें और घर में मौजूद मंदिर को गंगाजल से शुद्ध कर लीजिए. फिर आप मंदिर में चौकी रखिए. उस पर काल भैरव के चित्र को स्थापित करिए. अब आप काल भैरव जी को सफेद चंदन का तिलक लगाएं. फिर आप काल भैरव और भगवान शिव की पूजा करिए और प्रतिमा के सामने घी का दीया जलाइए.
इस दौरान आप मंत्रों का उच्चारण करते हुए भोग लगाएं. फिर आप आरती करें और अंत में सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजा का समापन करिए.
जरूरी बात
काल भैरव की पूजा में काला तिल, उड़द और सरसों का तेल जरूर शामिल करें. इस दिन आप काल भैरव कथा का पाठ जरूर करिए और भगवान शिव को समर्पित मंत्र का जाप पूजा के दौरान करते रहिए.
इस दिन आप काले कुत्ते को दूध, दही और मिठाई खिलाएं क्योंकि यह काल भैरव की सवारी माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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