पाकिस्तानी श्रद्धालु अजमेर (Ajmer) स्थित हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (Khwaja Moinuddin Chishti) के वार्षिक उर्स में शामिल होने अटारी सीमा से भारत की ट्रेन से अजमेर पहुंचेंगे. रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से हुए द्विपक्षीय करार का हिस्सा है. जब कभी भी श्रद्धालुओं के आवागमन की जरूरत पड़ती है तो दोनों देशों के बीच या तो विशेष ट्रेन चलाई जाती है या फिर पहले से चल रही ट्रेन में अतिरिक्त डिब्बे लगाए जाते हैं. इसी के तहत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के अजमेर में होने वाले उर्स में पाकिस्तानी श्रद्धालुओं को लाने के लिए अटारी सीमा से ट्रेन चलाई जाएगी.
गौरतलब है कि अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में होने वाला 'अजमेर उर्स' दुनिया भर में मशहूर है. यह उर्स हिन्दू-मुस्लिम एकता और विश्व शांति का प्रतीक है. इस उर्स को भाईचारे का प्रतीक भी माना जाता है. महान सूफीसंत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चढ़ाए जाने वाले फूल पुष्कर से आते हैं. वहीं, पुष्कर पर चढ़ाई जाने वाली पूजा सामग्री की खीलें दरगाह ख्वाजा साहब के बाजार से ही जाती हैं.
हिन्दू-मुस्लिम एकता और आपसी भाईचारे की इससे अच्छी मिसाल और कोई हो ही नहीं सकती. यही वजह है कि अजमेर में कभी भी हिन्दू-मुस्लिम तनाव नहीं देखा गया. अजमेर उर्स के दौरान लाखों की संख्या में जायरीन ख्वाजा गरीब नवाज के दर पर पहुंचते हैं. ऐसी मान्यता है कि ख्वाजा के पर दर सच्चे दिल से मांगने पर हर मन्नत पूरी होती है.
इनपुट: आईएएनएस
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