राजस्थान सरकार ने धार्मिक आयोजनों, त्योहारों और मेलों में भाग लेने वालों के लिये कोरोना वायरस संक्रमण की आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य कर दी है. प्रमुख शासन सचिव (गृह) अभय कुमार ने बुधवार रात जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का उल्लेख करते हुए बताया कि राज्य में किसी भी मेले में भाग लेने वाले इच्छुक लोगों को संबंधित जिला प्रशासन में अग्रिम पंजीकरण करना होगा. त्योहारों और मेलों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये ऐहतियात के तौर पर यह एसओपी जारी की गयी है.
इसके अनुसार, ‘‘सरकार व्यापक रूप से प्रचार करेगी और अन्य सभी राज्य सरकारों को भी बताएगी की आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट (यात्रा करने की तारीख से 72 घंटे पहले की गई जांच) निगेटिव वाले श्रद्धालुओं को ही ऐसे धार्मिक आयोजनों और मेलों में प्रवेश करने की अनुमति होगी. श्रद्धालु इस तरह की जांच रिपोर्ट की प्रति अपने साथ रख सकते हैं या उसे मोबाइल में भी रख सकते हैं.''
एसओपी के मुताबिक, केवल ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकताओं को ही ऐसे स्थानों पर तैनात किया जाये जिनका प्रतिरक्षण टीकाकरण हो चुका है. अमरनाथ यात्रा के लिये श्रृद्धालुओ का पंजीकरण होना चाहिए और इसी तरह की तर्ज पर एक चिकित्सा प्रमाणपत्र भी दिया जाना चाहिए.
इसके अनुसार, हरिद्वार में 27 फरवरी से 30 अप्रैल तक के कुंभ मेले में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को भी केंद्र सरकार व उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करना होगा. एसओपी में बताया गया है कि अधिम जोखिम वाले लोगों जैसे 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों, 10 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों और पहले से बीमारियों से ग्रस्त लोगों को धार्मिक मेलों, उत्सवों और कार्यक्रमों में नहीं जाना चाहिए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं