
Hartalika Teej vrat 2025: सनातन परंपरा में हरतालिका तीज के व्रत का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. इस व्रत को शादीशुदा औरतें पति की लंबी आयु और कुंवारी कन्याएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए करती हैं. यह व्रत हर साल भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है. हरतालिका तीज व्रत भगवान शिव और माता गौरी की पूजा के लिए समर्पित है. मान्यता है कि इस व्रत को विधि-विधान से करने पर पूरे साल वैवाहिक सुख बना रहता है और जीवनसाथी को दीर्घायु प्राप्त होती है. जिस व्रत को कभी माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए रखा था, उस हरतालिका व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त आदि के बारे में आइए विस्तार से जानते हैं.

शुभ मुहूर्त में करें हरतालिका तीज व्रत की पूजा
पंचांग के अनुसार इस साल अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद दिलाने वाला हरतालिका तीज व्रत 26 अगस्त 2025 को रखा जाएगा. इस दिन महादेव और माता पावर्ती की विधि-विधान से पूजा करने के लिए सुहागिनों को प्रात:काल 05 बजकर 56 मिनट से लेकर 08 बजकर 31 मिनट तक यानि लगभग ढाई घंटे का शुभ समय मिलेगा.
हरतालिका तीज की पूजा विधि
हरतालिका तीज की पूजा के लिए स्त्रियों स्नान-ध्यान करने के बाद शुभ मुहूर्त में पूजा करनी चाहिए. इसके लिए आप पूजा से जुड़ी सभी चीजों जैसे गौरा-पावर्ती की मिट्टी की प्रतिमा, पुष्प, फल, धूप, दीप आसन, वस्त्र, जल, अक्षत, चंदन, पान, श्रृंगार का सामान आदि लेकर इकट्ठा करके रख लें. इसके बाद सबसे पहले इस व्रत और पूजा को विधि-विधान से करने का संकल्प लें. पूजा की शुरुआत भगवान श्री गणेश से करें.

उसके बाद ही माता पार्वती और महादेव की पूजा विधि-विधान से करें और हरतालिका तीज की कथा को कहने के बाद महादेव और माता गौरी की की आरती करें. फिर जिस स्थान पर पूजा कर रहे हों, उसी स्थान पर प्रदक्षिणा करें. पूजा की समाप्ति के बाद भगवान शिव और माता पार्वती से अपने पति की लंबी आयु और संतान के सुख सौभाग्य की कामना करें. अंत में किसी सुहागिन ब्राह्मणी महिला को अपने सामर्थ्य के अनुसार अन्न, वस्त्र, धन और श्रृंगार की सामगी दान करें.
हरतालिका तीज व्रत के नियम
- हिंदू मान्यता के अनुसार पति की लंबी आयु और मनचाहा वर पाने के लिए हरतालिका तीज का व्रत निर्जल रखा जाता है.
- यदि आप हरतालिका तीज की पूजा को प्रात:काल के शुभ मुहूर्त में किसी कारण न कर पाएं तो आप प्रदोष काल में इस पूजा को करके पुण्यफल प्राप्त कर सकती हैं.
- हरतालिका तीज पर रेत, मिट्टी, गोबर, शहद आदि से बनाए गये शिव-पार्वती के पार्थिव प्रतिमा की पूजा का विधान है.
- शिव पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने के बाद इस व्रत का गुणगान करने वाली हरतालिका व्रत कथा जरूर कहें या सुनें.
- हरतालिका तीज व्रत वाले दिन गेहूं का दान करने से इस व्रत का पुण्यफल और भी ज्यादा बढ़ जाता है.
- हरतालिका तीज के दिन खाली समय में भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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