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This Article is From Jan 20, 2021

Guru Gobind Singh Jayanti 2021: गुरु गोबिंद सिंह ने की सिखों के लिए ये 5 चीजें ज़रूरी, जानिए उनके 10 अनमोल विचार

Guru Gobind Singh Jayanti 2021: गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti) 20 जनवरी 2021 को है.

Guru Gobind Singh Jayanti 2021: गुरु गोबिंद सिंह ने की सिखों के लिए ये 5 चीजें ज़रूरी, जानिए उनके 10 अनमोल विचार
नई दिल्ली:

Guru Gobind Singh Jayanti 2021: गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti) 20 जनवरी 2021 को मनाई जा रही है. गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) जी सिखों के 10वें गुरु थे.  सिख समुदाय के लोग  गुरु गोबिंद सिंह की जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में बड़े ही उमंग और उत्साह के साथ मनाते हैं. उनका जन्म पटना में हुआ था. हिंदू कैलेंडर के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था. इन्होंने ही सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) को पूरा किया. साथ ही गोबिंद सिंह जी ने खालसा वाणी - "वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह" भी दी. 

सिखों के लिए ये 5 चीजें की ज़रूरी
गुरु गोबिंद सिंह जी ने जीवन जीने के लिए पांच सिद्धांत भी दिए, जिन्‍हें 'पांच ककार' कहा जाता है. पांच ककार का मतलब 'क' शब्द से शुरू होने वाली उन 5 चीजों से है, जिन्हें गुरु गोबिंद सिंह के सिद्धांतों के अनुसार सभी खालसा सिखों को धारण करना होता है. गुरु गोविंद सिंह ने सिखों के लिए पांच चीजें अनिवार्य की थीं- 'केश', 'कड़ा', 'कृपाण', 'कंघा' और 'कच्छा'. इनके बिना खालसा वेश पूर्ण नहीं माना जाता. 

कैसे मनाते हैं गुरु गोबिंद सिंह जयंती?
गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती के दिन गुरुद्वारों में कीर्तन होता है. सुबह प्रभातफेरी निकाली जाती है. लंगर का आयोजन किया जाता है. गुरुद्वारों में सेवा की जाती है. गुरुद्वारों के आस-पास खालसा पंथ की झांकियां निकाली जाती हैं. कई लोग घरों में कीर्तन भी करवाते हैं.

ये हैं गुरु गोबिंग सिंह जी के 10 प्रेरणादायी विचार (Guru Gobind Singh Quotes) 

1. "अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे."

2. "सबसे महान सुख और स्थायी शांति तब प्राप्त होती है जब कोई अपने भीतर से स्वार्थ को समाप्त कर देता है."

3. "अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है, वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है."

4. "स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है."

6. "हमेशा अपने दुश्मन से लड़ने से पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें और अंत में ही आमने-सामने के युद्ध में पड़ें."

7. "अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं. अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है."

8. "इंसान से प्रेम करना ही, ईश्वर की सच्ची आस्था और भक्ति है."

9. "जब आप अपने अंदर से अहंकार मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी."

10."इंसान से प्रेम करना ही, ईश्वर की सच्ची आस्था और भक्ति है."

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