Lakshmi Stotra: आर्थिक नुकसान से छुटकारा पाने के लिए शुक्रवार को किए जाते हैं ये काम, मान्यता है मां लक्ष्मी की रहती है कृपा

Lakshmi Stotra: माना जाता है कि शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है. इस दिन विधिपूर्वक मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्म की कृपा से आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है.

Lakshmi Stotra: आर्थिक नुकसान से छुटकारा पाने के लिए शुक्रवार को किए जाते हैं ये काम, मान्यता है मां लक्ष्मी की रहती है कृपा

खास बातें

  • मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है शुक्रवार
  • मां लक्ष्मी की की पूजा से आर्थिक लाभ होने की है मान्यता
  • मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किए जाते हैं खास काम

Lakshmi Stotra: हिंदू धार्मिक मान्यताओं में मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) को धन की देवी (Goddess of Wealth) कहा गया है. माना जाता है कि शुक्रवार (Friday) का दिन मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) को समर्पित होता है. इस दिन विधिपूर्वक मां लक्ष्मी की पूजा (Maa Lakshmi Puja) की जाती है. इसके अलावा इस दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए गंगाजल से अभिषेक और आरती (Lakshmi Aarti) की जाती है. इसके साथ ही शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अष्टलक्ष्मी स्तोत्र (Ashtalakshmi Stotram) का भी पाठ किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि (Happiness and Prosperity) आती है. साथ ही आर्थिक परेशानियां भी दूर होती हैं. तो चलिए बाताते हैं अष्टलक्ष्मी स्तोत्र (Ashtalakshmi Stotra) के बारे में. 

श्री अष्टलक्ष्मी स्त्रोतम् (Ashtalakshmi Stotram) 

आदि लक्ष्मी (Adi Lakshmi)

सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि चंद्र सहोदरि हेममये

मुनिगण वन्दित मोक्षप्रदायिनी मंजुल भाषिणि वेदनुते

पङ्कजवासिनि देवसुपूजित सद-गुण वर्षिणि शान्तिनुते

जय जय हे मधुसूदन कामिनि आदिलक्ष्मि परिपालय माम्


धान्य लक्ष्मी (Dhanya Lakshmi)

अयिकलि कल्मष नाशिनि कामिनि वैदिक रूपिणि वेदमये
क्षीर समुद्भव मङ्गल रुपिणि मन्त्रनिवासिनि मन्त्रनुते

मङ्गलदायिनि अम्बुजवासिनि देवगणाश्रित पादयुते

जय जय हे मधुसूदनकामिनि धान्यलक्ष्मि परिपालय माम्

धैर्य लक्ष्मी (Dhairya Lakshmi)

जयवरवर्षिणि वैष्णवि भार्गवि मन्त्र स्वरुपिणि मन्त्रमये

सुरगण पूजित शीघ्र फलप्रद ज्ञान विकासिनि शास्त्रनुते

भवभयहारिणि पापविमोचनि साधु जनाश्रित पादयुते

जय जय हे मधुसूदन कामिनि धैर्यलक्ष्मि सदापालय माम्

गज लक्ष्मी (Gaj Lakshmi)

जय जय दुर्गति नाशिनि कामिनि वैदिक रूपिणि वेदमये

रधगज तुरगपदाति समावृत परिजन मंडित लोकनुते

हरिहर ब्रम्ह सुपूजित सेवित ताप निवारिणि पादयुते

जय जय हे मधुसूदन कामिनि गजलक्ष्मि रूपेण पालय माम्

संतान लक्ष्मी (Santan Lakshmi) 

अयि खगवाहिनी मोहिनि चक्रिणि रागविवर्धिनि ज्ञानमये

गुणगणवारिधि लोकहितैषिणि सप्तस्वर भूषित गाननुते

सकल सुरासुर देव मुनीश्वर मानव वन्दित पादयुते

जय जय हे मधुसूदन कामिनि सन्तानलक्ष्मि परिपालय माम्

विजय लक्ष्मी (Vijay Lakshmi)

जय कमलासनि सद-गति दायिनि ज्ञानविकासिनि गानमये

अनुदिन मर्चित कुङ्कुम धूसर भूषित वसित वाद्यनुते

कनकधरास्तुति वैभव वन्दित शङ्करदेशिक मान्यपदे

जय जय हे मधुसूदन कामिनि विजयक्ष्मि परिपालय माम्

विद्या लक्ष्मी (Vidya Lakshmi)

प्रणत सुरेश्वरि भारति भार्गवि शोकविनाशिनि रत्नमये

मणिमय भूषित कर्णविभूषण शान्ति समावृत हास्यमुखे

नवनिद्धिदायिनी कलिमलहारिणि कामित फलप्रद हस्तयुते

जय जय हे मधुसूदन कामिनि विद्यालक्ष्मि सदा पालय माम्

धन लक्ष्मी (Dhan Lakshmi)

धिमिधिमि धिन्धिमि धिन्धिमि-दिन्धिमी दुन्धुभि नाद सुपूर्णमये

घुमघुम घुङ्घुम घुङ्घुम घुङ्घुम शङ्ख निनाद सुवाद्यनुते

वेद पुराणेतिहास सुपूजित वैदिक मार्ग प्रदर्शयुते

जय जय हे कामिनि धनलक्ष्मी रूपेण पालय माम्

अष्टलक्ष्मी नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि

विष्णुवक्षःस्थलारूढे भक्तमोक्षप्रदायिनी 

शङ्ख चक्र गदाहस्ते विश्वरूपिणिते जयः

जगन्मात्रे च मोहिन्यै मङ्गलम शुभ मङ्गलम

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)