Ganesh Puja : बुधवार को ऐसे करें श्री गणेश की उपासना

Budhwar Puja : हिंदू धर्म में सर्वप्रथम भगवान श्री गणेश की पूजा (Ganesh Puja) होती है. किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गौरी गणेश का स्मरण किया जाता है.

Ganesh Puja : बुधवार को ऐसे करें श्री गणेश की उपासना

Ganesh Puja : बुधवार को होती गणेश जी की पूजा, जानिये क्या है विधि

नई दिल्ली:

Budhwar Ganesh Puja : बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है. ग्रंथों में भगवान गणेश जी (Lord Ganesha) को बुद्धि और शुभता का देव कहा गया है. प्रत्येक शुभ कार्य से पहले सर्वप्रथम भगवान गणेश का पूजन अनिवार्य होता है. मान्यताओं के अनुसार, गणपति महाराज की पूजा (Ganesh Maharaj Ki Puja) के बाद करे गए किसी भी कार्य में विघ्न-बाधा या किसी भी प्रकार की अड़चने नहीं आती है. माना जाता है कि भगवान गणेश जी अपने भक्तों के सारे कष्टों को दूर कर उन्हें सुख प्रदान करते हैं. यही कारण है कि भगवान गणेश जी (Lord Ganesha) को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. कहते हैं यदि सच्चे मन से बप्पा की उपासना की जाये तो विघ्नहर्ता जीवन की सारी बाधाओं-अड़चनों को पल में दूर कर देते हैं. अगर आप भगवान गणेश जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो बुधवार के दिन विधि-विधान से बप्पा का पूजन करें. इसके साथ ही आप व्रत रख कर भी गौरी गणेश की अराधना कर सकते हैं.

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ऐसे करें गौरी गणेश की पूजा

आप अगर बुधवार का व्रत रखने का संकल्प ले रहे हैं या रखने का सोच रहे हैं तो उस दिन सुबह सूर्योदय के समय उठकर स्नानादि कर लें और फिर व्रत का संकल्प ले लें.

घर के पूजा घर में गणओअति यंत्र की स्थापना करें.

पूजन के समय मन साफ रखें और भगवान गणेश का स्मरण करें.

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अब गणपति महाराज का रोली, अक्षत, दीपक, धूप, दूर्वा आदि से पूजन करें.

अब भगवान गणेश जी को लड्डू, हलवा या फिर मोदक का भोग लगायें.

इसके बाद व्रत कथा पढ़ें और हाथ में थोड़े से फूल व चावल रखें.

मन ही मन भगवान का ध्यान करते हुए 108 बार इस मंत्र का जाप करें. ‘ॐ गं गणपतये नमः'.

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पूजा के बाद आरती करें और इस दौरान हुई किसी भी प्रकार की गलती के लिए क्षमा मांग लें.

दिन भर व्रत को दौरान मन में गलत धारणा ना लायें.

वैसे तो व्रत में अन्न नहीं लेते हैं. दिन भर फलाहार ले सकते हैं, लेकिन अगर आपको कोई परेशानी है तो एक बार अन्न लिया जा सकता है.

बुधवार का व्रत रखते समय नमक का सेवन भूलकर भी न करें.

शाम को पूजन करें और सर्वप्रथम प्रसाद ग्रहण करके व्रत खोलें.

इस दिन असहाय या जरूरतमंद व्यक्ति को क्षमतानुसार हरी मूंग की दाल और हरे रंग के वस्त्र दान करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)