Janmashtami vrat niyam : इस महीने की 18 तारीख को कृष्ण जन्माष्टमी (krishna janmashtami) मनाई जाएगी. जिसकी तैयारी लोगों ने शुरू कर दी है. कृष्ण मंदिरों की साफ सफाई और साज सजावट शुरू हो गई है. जन्माष्टमी में आपको बता दें कि लोग दही हांडी (dahi handi) की भी प्रतियोगिता कराते हैं. जन्माष्टमी में लोग व्रत भी करते हैं जिसके कुछ नियम कानून है. उसका पालन करते हुए ही यह उपवास रखना चाहिए. तभी यह फलित होता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है.
जन्माष्टमी का व्रत नियम | Janmashtami vrat niyam
- जन्माष्टमी का व्रत रखने से एक दिन पहले सात्विक भोजन ही ग्रहण करें. वहीं, जन्माष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके अपने हाथों में तुलसी की एक पत्ती पकड़कर व्रत का संकल्प कर लें. इस दिन लड्डू गोपाल को पंचामृत के साथ स्नान कराकर उसको प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए.
- यदि आप विवाहित हैं तो व्रत रखने के पूर्व ब्रह्मचर्य का पालन करें. वहीं जन्माष्टमी के दिन श्री विष्णु की पूजा करें उन्हें तिल अर्पित करें. व्रत के दिन मध्याहन के समय तिल के पानी से स्नान करें. श्री कृष्ण की पूजा के समय शाम को नए वस्त्र धारण करना चाहिए. इस दिन आप मौन व्रत भी रख सकते हैं.
-जन्माष्टमी के दिन लक्ष्मी नारायण को कमल के फूलों से सजाना चाहिए. ये फूल भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं. इस व्रत में आप फलों को सेवन करें. रात में साधारण भोजन के साथ व्रत को खोल सकती हैं. श्री कृष्ण को फल, दही, दूध का प्रसाद चढ़ाएं. इस दिन आप पानी में तुलसी की पत्ती डालकर सेवन करना फलदायी होगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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