2016 का पहला ग्रहण देश के पूर्वोत्तर हिस्से में आंशिक तौर पर दिखायी देगा (फाइल फोटो)
भारत के संदर्भ में की गयी खगोलीय गणना के अनुसार, इस साल सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के योग लोगों को ग्रहण की पांच रोमांचक घटनाओं से रूबरू कराएंगी। भारत में इनमें से केवल दो ही ग्रहण दृश्यमान होंगे।
इस साल ग्रहणों का सिलसिला नौ मार्च को पड़ने वाले पूर्ण सूर्यग्रहण से शुरू होगा। इस तारीख को यह सूर्यग्रहण सुबह 5.45 बजे प्रारंभ होगा, लेकिन जो खग्रास या परमग्रास कहा जाता है, वह 7.27 बजे तक ही रहेगा।
पूर्वोत्तर भारत में आंशिक तौर दिखायी देगा यह ग्रहण
साल 2016 का यह पहला ग्रहण भारत के पूर्वोत्तर के हिस्सों में आंशिक तौर ही पर दिखायी देगा। दूसरा ग्रहण एक उपच्छाया चंद्रग्रहण है, जो 23 मार्च को लगेगा। लेकिन इस ग्रहण को देश में देखा नहीं जा सकेगा।
इसी साल तीन ग्रहण और लगेंगे। ये हैं: 18 अगस्त को चंद्रग्रहण, एक सितंबर को सूर्यग्रहण और 16 सितंबर को चंद्रग्रहण। भारत में अनेक लोग मानते हैं कि सूर्यग्रहण या चंद्रगहण जैसी खगोलीय घटनाएं शुभ नहीं होती हैं। लेकिन मान्यताएं जो भी हों, ये खगोलीय घटनाएं लोगों को हमेशा से ही रोमांचित करती आयी हैं।
इस साल ग्रहणों का सिलसिला नौ मार्च को पड़ने वाले पूर्ण सूर्यग्रहण से शुरू होगा। इस तारीख को यह सूर्यग्रहण सुबह 5.45 बजे प्रारंभ होगा, लेकिन जो खग्रास या परमग्रास कहा जाता है, वह 7.27 बजे तक ही रहेगा।
पूर्वोत्तर भारत में आंशिक तौर दिखायी देगा यह ग्रहण
साल 2016 का यह पहला ग्रहण भारत के पूर्वोत्तर के हिस्सों में आंशिक तौर ही पर दिखायी देगा। दूसरा ग्रहण एक उपच्छाया चंद्रग्रहण है, जो 23 मार्च को लगेगा। लेकिन इस ग्रहण को देश में देखा नहीं जा सकेगा।
इसी साल तीन ग्रहण और लगेंगे। ये हैं: 18 अगस्त को चंद्रग्रहण, एक सितंबर को सूर्यग्रहण और 16 सितंबर को चंद्रग्रहण। भारत में अनेक लोग मानते हैं कि सूर्यग्रहण या चंद्रगहण जैसी खगोलीय घटनाएं शुभ नहीं होती हैं। लेकिन मान्यताएं जो भी हों, ये खगोलीय घटनाएं लोगों को हमेशा से ही रोमांचित करती आयी हैं।
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